चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद में वरिष्ठ महापौर और उपमहापौर चुनावों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर 26 फरवरी तक अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया।
कांग्रेस की वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए उम्मीदवारों गुरप्रीत सिंह और निर्मला देवी की ओर से दाखिल याचिका में 30 जनवरी को वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर के चुनाव करवाने को चुनौती दी गई है।
न्यायाधीश सुधीर सिंह और हर्ष बंगर की खंडपीठ के समक्ष याचिका पर आज सुनवाई हुई। अधिवक्ताओं राजीव शर्मा, करणबीर सिंह और मंजोत गुजराल के जरिए दायर इस याचिका में कहा गया है कि चंडीगढ़ नगर निगम में 30 जनवरी को गैरकानूनी ढंग से निर्वाचित महापौर ने पीठासीन प्राधिकारी के रूप में वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर के चुनाव करवाए, जो कि रद्द किए जाने चाहिए क्योंकि यह कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए कराए गए।
याचिका में यह प्रार्थना भी की गई कि माननीय उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में निर्धारित कानून और नियमों के अनुसार पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से नए चुनाव कराने का भी निर्देश दिया जाए।
याचिका पर अगली सुनवाई 26 फरवरी को आम आदमी पार्टी के मेयर पद के उम्मीदवार की एक अलग लंबित याचिका के साथ होगी। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के तहत मेयर चुनाव से संबंधित सभी रिकॉर्ड पहले ही जब्त कर लिए गए हैं और नगर निगम की अगली बैठक पर रोक लगा दी गई है।