अजमेर। पूज्य झूलेलाल जयन्ती समारोह समिति की ओर से आयोजित चेटीचंड पखवाड़ा महोत्सव के 13वें दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम पूज्य बहिराणा साहिब एवं दीपदान महाआरती स्थान वरूण सागर (फॉयसागर झील) पर श्री अमरापुर सेवा घर ताराचंद हुंदलदास खानचन्दानी सेवा संस्था व पूज्य झूलेलाल जयंती समारोह समिति एवं फॉयसागर रोड कॉलोनियां के सहयोग से आयोजित किया गया।
संयोजक शंकर बदलानी ने बताया कि रिद्म बैंड ने सिंधी धुन पर आराध्य झूलेलाल व माता के गीतों में थार माता थार पाहांजे बचरन खे थार, अमा अगे भी थार्याे तई, हरिन भी थार हे जग तुहंजो…, सिंधी अबाणी बोली…, ओ मुहिंजी बेड़ी अथई विच सीर ते मुहिंजी बेड़ी अथई विच सीर ते पल्लओ पायां थी मां जिन्द…, बेदिया वारा अदा रे मुहाना, लाल ते थे वांजा…, सिक में ओ सिक में…,पार पुजाइंदो झूलेलाल…, ऊहो हथ मथे करे…रवि टिलवानी, लता लख्यानी व गायकों द्वारा गीत प्रस्तुत किए। संगीत दिलीप सोलंकी, सुरेन्द्र कुमार ने दिया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महंत स्वरूपदास, निर्मला धाम के आत्मदास, श्रीनाथ बगीची स्वामी गौरर्धनदास जतोई दरबार के भाई फतनदास, आदर्शनगर प्रेम प्रकाश आश्रम दादा नारायणदास, शीतल गीता भवन के भाई भीष्म ने आराध्य झूलेलाल की ज्योत जलाई गई। कार्यक्रम के अंत में महाआरती व दीपदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन ओम प्रकाश हीरानंदाणी ने किया तथा स्वागत भाषण गिरधर तेजवानी व धन्यवाद हरी चन्दनानी ने दिया।
कंवल प्रकाश किशनानी ने नगर निगम का धन्यवाद देते हुए कहा कि आज इतिहास के पन्नों पर यह दर्ज होगा कि फॉयसागर झील का नाम आराध्य झूलेलाल के नाम वरूण सागर रखा गया है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि यहां पर आराध्य झूलेलाल की प्रतिमा भामाशाहों के सहयोग से स्थापित की जाएगी।
श्री हनुमान चालीसा का दूसरे आडियो वीडियो का विमोचन
सिंगर रितु मोतीरमानी द्वारा श्री हनुमान चालीसा का विमोचन आज किया गया। ज्ञातव्य है कि इस ऑडियो वीडियो के निर्माता निर्देशक सिंध इतिहास व साहित्य शोध संस्थान, अजमेर के अध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी व सह निर्देशक गिरधर तेजवानी व महेंद्र कुमार तीर्थाणी हैं। म्यूजिक रवि टिलवानी, ऑक्टापैड विनोद कुमार, रिकॉडिंग जॉन, कैमरा दुर्गेश डाबरा, एडिटिंग रमेश रावत व सुनील यादव, राजीव शर्मा, लाइटिंग केशव नाथ। अनुवादक आशा प्रिंटर्स व जया जगवानी द्वारा किया गया है। पूर्व में सिंगर लेता लख्यानी द्वारा प्रथम संस्करण प्रस्तुत किया गया था।
कार्यक्रम में सुनील खानचंदानी, दिनेश मुरजानी, जीडी वरिंदानी, रमेश मेंघानी, डॉ. भरत छबलानी, हरीराम कोडवानी, रमेश टिलवानी, प्रेम केवलरमानी, ललित लौंगानी, भगवान कलवाणी, नारायणदास थदाणी, राधाकिशन आहूजा, जीडी वृंदाणी, विनित लोहिया, जगदीश अबीचंदाणी, शंकर बदलानी, रमेश टिलवाणी, तुलसी सोनी, पुष्पा साधवाणी, जोधा टेकचंदाणी, हरीश केवलरामाणी, अनिल आसनाणी, हरकिशन टेकचन्दाणी, महेश टेकचंदाणी, मनीष गुवालाणी, दिशा किशनानी, रमेश मेंघाणी, रमेश एच लालवाणी, अजीत पमनाणी, प्रकाश जेठरा, महेश मूलचंदाणी, चन्दर नावाणी, महेश इसराणी, जयकिशन लख्याणी, दीपक साधवाणी, नारी वाघाणी, प्रकाश छबलाणी सहित गणमान्य व प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
सिन्धी भाषा मान्यता दिवस के उपलक्ष्य में किताब का विमोचन अनेक पुरस्कारों से सम्मानित 91 वर्षीय थाणा महाराष्ट्र के साहित्यकार लेखक भोजराज एन खेमाणी ‘क्रांति’ द्वारा लिखित पुस्तक ‘सिन्धियत शाद रहे- आबाद रहे’ का विमोचन समारोह में उपस्थित संत ने किया। यह किताब देश भर में सिन्धी भाषा मान्यता प्राप्त दिवस 10 अप्रेल को फॉयसागर झील (वरूण सागर) पर एवं सभी जगह विमोचन कर वितरित की गई।
शनिवार के आयोजन
सिंधी लेडिज क्लब की अघ्यक्ष दिशा किशनानी ने बताया कि शाम 5.30 बजे सिंधी लेडीज क्लब जो सालानो जलसो ‘भक्ति भी व शक्ति भी’, स्थान डॉ. भीमराव अम्बेडकर सभागार ऑडिटोरियम मेडिकल कॉलेज में रखा गया। क्लब की महिलाएं विभिन्न प्रस्तुतियां देंगी। पूर्व यह कार्यक्रम जवाहर रंगमंच तय था, अचार संहिता के कारण कार्यक्रम का स्थान बदला गया है।