पुणे। रेलवे पुलिस बल ने यहां एक संस्थान में छत्तीसगढ़ की नाबालिग लड़की से कथित तौर पर दुष्कर्म करने के आरोप में रेलवे सुरक्षा बल के एक पुलिसकर्मी और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है और उसे गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब है कि दसवीं कक्षा एक छात्रा 12 सितंबर को अपने दोस्त के साथ छत्तीसगढ़ से पुणे आई थी। यहां पहुंचने पर तीन लोग उनके पास आए और दोनों को पुलिस थाने ले गए। काफी देर बाद आरपीएफ ने नाबालिग लड़की को ताड़ीवाला रोड इलाके के एक संस्थान में शिफ्ट कर दिया। इस संस्थान की जिम्मेदारी आरपीएफ के पास है।
संस्थान में भर्ती कराने के बाद पुलिस कांस्टेबल अनिल पवार और एक अन्य कर्मचारी कमलेश तिवारी ने संस्थान के कार्यालय में 12 सितंबर से 17 सितंबर के बीच पीड़ित नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म किया। इस बीच आरपीएफ अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ पुलिस को उस लड़की के बारे में सूचित किया, जो अपने परिवार के साथ छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में रहती है और उसके साथी लड़के ने उसे शादी का झांसा देकर अपने साथ ले आया था।
इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम उसके माता-पिता को लेकर पुणे पहुंची। पूछताछ के दौरान लड़की ने उन्हें बताया कि कांस्टेबल पवार और तिवारी ने उसके साथ दुष्कर्म किया है। पीड़िता की शिकायत के आधार पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने पुणे रेलवे स्टेशन पुलिस में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया।
पुणे रेलवे स्टेशन पुलिस आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम की विभिन्न धाराओं में आरोपी उत्तर प्रदेश के मूल निवासी कांस्टेबल पवार और तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज किया तथा तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। कांस्टेबल पवार फरार हो गया, उसे निलंबित कर दिया गया है। इस बीच उत्तर भारतीय विकास परिषद के संस्थापक अध्यक्ष सतीश चंद दुबे ने घटना की कड़ी निंदा की है और दोनों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।