चित्तौड़गढ़। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ नगर परिषद सभापति के वायरल वीडियो मामले में सोमवार को न्यायालय के आदेश पर विधायक चंद्रभान सिंह एवं दो अन्य के खिलाफ दर्ज शिकायत की जांच अब अपराध जांच विभाग-अपराध शाखा (सीआईडी सीबी) जयपुर करेगी।
पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि पीड़िता ने सदर थाने में विधायक चंद्रभान सिंह, नगर परिषद की ठेका कार्मिक मोनिका जैन एवं एक अन्य दिलीप धाकड़ के विरुद्ध चार कांग्रेस पार्षदों के साथ जाकर परिवाद दिया था, लेकिन पुलिस के बुलाने के बावजूद बयान देने नहीं पहुंची और न्यायालय में मुकदमा दर्ज करने का इस्तगासा पेश कर दिया।
जिस पर सोमवार को पुलिस ने तीनों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की 303/2 मोबाइल डाटा चुराना, धारा 127/2 बंधक बनाना, 175/2 यौन उत्पीड़न, 351/2 धमकियां देना और आईटी एक्ट की धारा 66 ए एवं 67 में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि विधायक के विरुद्ध मामला होने से अब इसकी जांच सीआईडी सीबी जयपुर करेगी।
इस बीच विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने कहा कि उनका इस मामले में कोई लेना देना नहीं हैं। उनके ऑफिस पर जनसुनवाई की जाती है। इस दौरान यह महिला मदद के लिए आई थी। इससे ज्यादा मुझे कुछ भी पता नहीं है। जांच के बाद दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। इसी तरह नगर परिषद चैयरमेन ने कहा कि उनकी इमेज को हानि पहुंचे, इसके लेकर राजनीतिक षड्यंत्र रचा गया। चैयरमेन और महिला ने वायरल वीडियो को पूरी तरह से फेक बताया है।
यह था मामला
वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ित महिला ने 16 अक्टूबर को सदर पुलिस थाना में विधायक चंद्रभान सिंह, उनके ऑफिस पर काम करने वाले दिलीप धाकड़ और नगर परिषद में काम करने वाली मोनिका जैन के खिलाफ परिवाद दिया था। सदर पुलिस थाना में दिए गए परिवाद में बताया गया कि पीड़िता नगर परिषद में ठेकेदार के जरिए संविदा कार्मिक पर काम करती थी। इसी दौरान मोनिका जैन से उसकी मुलाकात हुई।
पीड़िता के पति एक कम्पनी में सब कांट्रेक्टर के तहत एक ठेका लिया, जिसके भुगतान की मदद के लिए विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के पास पीड़िता व उसके पति गए थे। विधायक व उनके ऑफिस पर काम करने वाले दिलीप धाकड़ और मोनिका जैन ने पीड़िता और उसके पति को बंधक बनाकर रखा और उनके मोबाइल से फोटो वीडियो निकाल लिए। पीड़िता महिला के चेयरमैन से पारिवारिक संबंध थे, जिसके कारण उन दोनों का साथ में फोटो था।