भजनलाल के मंत्री और भाजपा सांसद की अदावत या करीबी की कारस्तानी!

otaram dewasi and lumbaram chaudhary

सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन के निर्देश पर सभी मंत्रियों और जिला संगठनों को भजनलाल सरकार के दूसरे बजट की उपलब्धि के लिए पत्रकार वार्ता आयोजित किए जाने के निर्देश मिले। सिरोही जिला मुख्यालय पर भी सिरोही के विधायक व प्रदेश के पंचायतीराज राज्यमंत्री ओटाराम देवासी तथा जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी ने पत्रकार वार्ता आयोजित की।

सिरोही को इस बजट में मिली सौगातों का कागज हर पत्रकार के हाथ में था लेकिन, सभी पत्रकारों और वहां मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं की नजर दोनों के पीछे लगे बैनर पर थी। इसमें मुख्य फोटो ओटाराम देवासी और रक्षा भंडारी की थी लेकिन, राजनीतिक बैनरों के बैनर्स की परम्परा में शामिल से बैनर के सबसे ऊपर लगने वाले छोटे छोटे फोटोज में से एक फोटो नदारद थी, वो थी जालोर-सिरोही के सांसद लुम्बाराम चौधरी की।

ये बैनर लगने के बाद सिरोही के राजनीतिक हलकों में ये चर्चा तेज हो गई कि सांसद लुम्बाराम चौधरी और मंत्री ओटाराम देवासी के बीच की क्या वाकई अदावत चल रही है और इस बैनर के माध्यम से वो सार्वजनिक हो गइ। या कि ये ओटाराम देवासी के किसी करीबी के द्वारा जानबूझकर इस तरह की दरार होने का संदेश देने की कारस्तानी है।

भाजपा के द्वारा सिरोही में बजट पर आयोजित पत्रकार वार्ता के पीछे लगा बैनर जिस पर से सांसद का फोटो नदारद ही और बैनर पर लगा कमल का फूल का चिन्ह जिसे सांसद की फोटो हटाकर लगाने का आरोप लग रहा है।

-कयास मंडल अध्यक्ष मनोनयन को लेकर !
इस बैनर के बाद अलग-अलग कयास लगाए जाने लगे। इसमें जो सबसे ज्यादा चर्चा है वो है सिरोही नगर मंडल अध्यक्ष के मनोनयन को लेकर। सिरोही के मंडल अध्यक्ष के रूप में चिराग रावल का मनोनयन किया गया। इसको लेकर सिरोही के भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया। उनका आरोप था कि ओटाराम देवासी को उन लोगों ने कुछ नाम दिए थे, वो नाम नहीं हुए। इस नाम को छोडकर किसी का भी नाम आता तो कोई हर्ज नहीं है। वो मंडल अध्यक्ष के पद पर पुराने व्यक्ति को फिर से दोहराने की भी बात करते रहे।

चिराग रावल लुम्बाराम चौधरी के नजदीकी बताये  जाते हैं। आरोप ये लगा कि बैनर प्रिंट करवाने की जिम्मेदारी जिन लोगों की थी उनमे उस समूह के कार्यकर्ता भी शामिल थे जो चिराग रावल के मनोनयन के विरोध में थे। पार्टी में लुम्बाराम चौधरी के करीबियों का ये भी आरोप है कि बैनर में जिस जगह पर कमल का फूल का लगाया गया है वहां पर लुम्बाराम चौधरी की फोटो थी, जिसे प्रिंट से पहले हटाकर पार्टी का चुनाव चिन्ह लगाया गया है।

आरोप ये भी लग रहा है कि कांग्रेस के प्रति द्वेषता पालने के कारण जिन लोगों को ओटाराम देवासी ने करीब रखा अब वो उनकी पार्टी के लोगां के प्रति ही अपना द्वेष निकाल रहे हैं। कारण जो भी हो लेकिन, इस घटना के बाद जिले में अंदरखाने लुम्बाराम चौधरी और ओटाराम देवासी के बीच में खींचतान होने की फुसफुसाहट को सार्वजनिक कर दिया है। चौधरी समर्थकों  का कहना है कि ये हरकत ओटाराम देवासी की जानकारी में रहने के बाद हुई है तो निंदनीय है और उनके करीबियों की तरफ से ओटाराम देवासी को विवादित बनाने के लिए की गई है तो ये खुद ओटाराम देवासी के साथ विश्वासघात है।

आबूरोड में ओम बिड़ला के आगमन के दौरान स्टेशन पर लगाया गया सांसद लुंबाराम चौधरी का होर्डिंग जिसमें ओटाराम देवासी (लाल घेरे में) की तस्वीर शामिल है।

– लुम्बाराम चौधरी के बैनर में हुआ था ये 
बैनर में ऊपर लगी तस्वीरों में क्रमवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष के पी नड्डा, अमित शाह, मुख्यमंत्री भजनलाल, कमल का निशान, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया, जिला प्रमुख अर्जुन पुरोहित और रेवदर के पूर्व विधायक की फोटो हैं। लेकिन सांसद नहीं।

इस तरह की हरकत जानबूझकर या करीबियों के विश्वासघात के कारण लुम्बाराम चौधरी की तरफ से शायद पहले कभी नहीं हुई है इसका ताजा उदाहरण ओम बिडला के आबूरोड पर प्रवास के दौरान लगे पोस्टर में देखा जा सकता है। इसमें रेलवे स्टेशन पर एक होर्डिंग सांसद लुम्बाराम चौधरी की तरफ से भी लगा था। इस होर्डिंग में प्रोटोकॉल के अनुसार मंत्री ओटाराम देवासी की फोटो लगी हुई स्पष्ट नजर आ जाएगी। ये हरकत मंत्री की जानकारी हुई हो या अनभिज्ञता में, लेकिन इस हरकत ने सिरोही भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं होने की सुलगन को हवा देकर आग बना दिया है।