लव जिहाद पर रोक लगाने की दिशा में उठाया ऐतिहासिक कदम : घनश्याम तिवाड़ी

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अवैध धर्मान्तरण पर प्रहार करते हुए लव जिहाद पर रोक लगाने की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किया है।

तिवाड़ी ने रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि शर्मा ने राजस्थान गैर कानूनी धर्मपरिवर्तन निषेध विधेयक 2024 मंत्रिमंडल में पारित करके इस आवश्यकता को पूरा कर दिया।

उन्होंने कहा कि विश्व में भारत एक मात्र ऐसा देश है जहां 80 प्रतिशत से अधिक हिन्दू जनसंख्या होने के बावजूद पंथनिरपेक्ष देश के रूप में ख्याति प्राप्त है। भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना में धर्म निरपेक्षता और समाजवाद जैसे शब्द नहीं थे, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने 42वां संविधान संशोधन करके इन शब्दों को जोड़ा।

तिवाड़ी ने कहा कि भारत में जहां-जहां सनातन और हिन्दू धर्म के मानने वाले लोग बहुसंख्यक हैं, वहां सब धर्मों के लोगों को अपना-अपना आचरण और अपनी उपासना करने का पूरा अधिकार है, लेकिन जहां हिन्दू एवं सनातनी अल्पसंख्यक हैं वहां समस्या आती है। इसके साथ ही भविष्य में अधिक धर्मान्तरण नहीं हो, इसके लिए कानून की सख्त आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के राज में इस विधेयक को लाया गया था, लेकिन तत्कालीन राज्यपाल ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किये और राष्ट्रपति के पास भेज दिया। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने इस विधेयक को लागू नहीं किया, लेकिन अब भाजपा की डबल इंजन सरकार ने इस विधेयक को मंत्रिमंडल में पारित करके ऐतिहासिक फैसला किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा धन्यवाद के पात्र हैं।

तिवाड़ी ने कहा कि इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई लोभ, प्रलोभन, डर, कपटपूर्वक, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव का इस्तेमाल करके धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा कोई प्रेम के नाम पर, विवाह के लिए या फिर धोखा देकर किसी का धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसे भी 10 वर्ष तक के कारावास की सजा होगी। इसमें व्यक्ति के साथ संस्था को भी शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान के इतिहास में यह कानून बहुत ही बड़ा कानून साबित होगा और इस कानून की राजस्थान में बहुत ही आवश्यकता थी। केवल राजस्थान ही नहीं देशभर में भी इस कानून की आवश्यकता है। इस कानून में कहीं पर भी किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन नहीं है, अगर कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो वह जिला कलेक्टर को सूचित करके एक प्रक्रिया के माध्यम से आसानी से कर सकता है।