डूंगरपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंदिर को सनातन संस्कृति की आत्मा बताते हुए कहा है कि प्राचीन समय से ही भारत भव्य और दिव्य मंदिरों की भूमि रहा है और इसके जरिए हमारी आध्यात्मिक कीर्ति दुनियाभर में फैली है और राज्य सरकार प्रदेश में आस्था धामों का कायाकल्प कर रही है।
शर्मा रविवार को डूंगरपुर के खेरमाल में श्री जाम्बुखंड भैरवजी मंदिर जीर्णाेद्वार महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से देश में सनातन संस्कृति को एक नई ऊर्जा मिल रही है तथा उन्हीं के कर कमलों से पिछले साल अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई और अयोध्या नगरी फिर से अध्यात्म और सनातन संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र बन गई है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में सनातन संस्कृति के भव्य संगम के माध्यम से हमारी आध्यात्मिक उन्नति का संदेश भी पूरी दुनिया में पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि डूंगरपुर की पूरी धरती भक्ति और अध्यात्म की पावन धरा है। वागड़ के प्रमुख तीर्थों में से एक स्वयंभू श्री जाम्बुखंड भैरव जी मंदिर यहां के निवासियों के लिए सदियों से आस्था और श्रद्धा का केंद्र रहा है तथा आज का यह पावन अवसर भारत की सनातन संस्कृति के उत्थान का ही एक हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काशी में बाबा विश्वनाथ धाम एवं उज्जैन के महाकाल के महालोक का निर्माण के साथ ही सोमनाथ और केदार घाटी का पुनर्निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री के ‘विकास भी और विरासत भी‘ के इसी मूलमंत्र को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ा रही है तथा प्रदेश में हमारी सरकार भी आस्था धामों का कायाकल्प करने का काम कर रही है।
इसी दिशा में राज्य सरकार ने बजट 2025-26 में जनजातीय आस्था के केंद्र त्रिपुरा सुंदरी, मानगढ़ धाम, बेणेश्वर धाम, सीतामाता अभयारण्य, ऋषभदेव, गौतमेश्वर मंदिर, मातृकुंडिया आदि को शामिल कर जनजातीय पर्यटन सर्किट विकसित करने घोषणा की है।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत श्रद्धालुओं को अयोध्या, काठमांडू में पशुपतिनाथ और अन्य तीर्थस्थलों की यात्रा करवा रही है। वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य और सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष के बजट में इस योजना के अन्तर्गत आगामी वर्ष में 6 हजार वरिष्ठजनों को हवाई मार्ग से और 50 हजार वरिष्ठजनों को एसी ट्रेन से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी।
इसी तरह बजट में राज्य और राज्य के बाहर के देवस्थान विभाग के मंदिरों के स्वरूप को निखारने के लिए 161 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। राज्य सरकार ने मंदिरों में भोग की राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपए और पुजारियों के मानदेय को बढ़ाकर 7 हजार 500 रुपए प्रतिमाह किया है। साथ ही, हमारी सरकार खाटूश्याम जी मंदिर को भव्यता प्रदान करने के लिए 100 करोड़ रुपए के कार्य करवा रही है।
इसी तरह लगभग 600 मंदिरों में विभिन्न अवसरों पर विशेष साज-सज्जा और आरती कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हमारी सरकार गौतमेश्वर मंदिर, अरनोद प्रतापगढ़, करणी माताजी मंदिर एवं नीमच माताजी मंदिर उदयपुर जैसे बहुत से मंदिरों में विकास कार्य करवा रही है। पुष्कर (अजमेर) में ब्रह्मा मंदिर कॉरिडोर और सरोवर परिक्रमा मार्ग एवं रणछोड़राय खेड तीर्थ (पचपदरा) जैसे अनेक तीर्थों का कायाकल्प कर रही है।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासी संस्कृति के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जनजाति के नायकों की पहचान स्थापित करने के लिए उदयपुर में कालीबाई भील, बांसवाड़ा में बांसिया चरपोटा और डूंगरपुर में डूंगर-बरंडा स्मारक का निर्माण करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनजाति के बच्चों हेतु गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षा के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है।
इसी दिशा में राज्य सरकार ने छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों का मैस भत्ता 2 हजार 500 से बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रतिमाह, खेल अकादमियों में रह रहे खिलाड़ियों का भत्ता 2 हजार 600 से बढ़ाकर 4 हजार रुपए किया है। इसी तरह आदिवासी क्षेत्रों में 7 नए आश्रम छात्रावासों और 3 नए आवासीय विद्यालयों के निर्माण करवाये जा रहे हैं। हमारी सरकार ने मां-बाड़ी केंद्रों में कार्यरत रसोइयों और शिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की है और 250 नए मां-बाड़ी केंद्र स्वीकृत किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डूंगरपुर सहित प्रदेश के 15 शहरों में रिंग रोड का निर्माण करवाया जाएगा, जिससे लोगों को ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी और आसपास के इलाके का भी विकास होगा। इसी तरह डूंगरपुर के लोगों की मांग के अनुरूप जिला मुख्यालय स्थित महाविद्यालय के निर्माण के लिए स्वीकृति दी जा चुकी है तथा इसके साथ ही बालिकाओं के लिए महाविद्यालय स्तरीय बालिका छात्रावास का निर्माण भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सोम-कमला-अंबा बांध से मानसून के सरप्लस पानी को मोरेन नदी बेसिन सहित अन्य बांधों तक पहुंचाने के लिए उच्च स्तरीय रिचार्ज नहर का निर्माण करवाया जाएगा। साथ ही, मोरन नदी को पुनर्जीवित कर खड़गदा गांव के विकास और गौरेश्वर महादेव एवं नीलकंठ महादेव मंदिरों का स्वरूप निखारने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को नजदीक ही मंडी में उचित दाम पर उपज बेचने की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सीमलवाड़ा में कृषि उपज मंडी खोली जाएगी।
शर्मा ने कहा कि मोदी ने युवा, किसान, महिला एवं गरीब के रूप में देश की चार जातियों को उल्लेख किया है। हमारी सरकार इन चार जातियों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने युवाओं के लिए एक वर्ष में एक लाख सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है और अब तक लगभग 60 हजार युवाओं को नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी है। साथ ही, आगामी भर्तियों के लिए परीक्षा कलेण्डर भी निर्धारित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समयबद्ध एवं पारदर्शी माध्यम से भर्ती परीक्षाओं के आयोजन सुनिश्चित करते हुए युवाओं के सपनों को पूरा कर रही है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने पहाड़ी पर स्थित भैरव जी मंदिर में दर्शन एवं पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर पीठाधीश्वर बेणेश्वर धाम साबला हरि मंदिर महंत अच्युतानंद महाराज, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सांसद चुन्नीलाल गरासिया, मन्नालाल रावत, विधायक शंकर डेचा, श्रीचंद कृपलानी, उदय लाल डांगी, शांता मीणा तथा अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।