कलक्टर लोक बन्धु ने किया अजमेर के जल भराव वाले क्षेत्रों का अवलोकन

अजमेर। अजमेर शहर में विभिन्न क्षेत्रों का रविवार को जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ कलक्टर लोक बन्धु ने जल भराव के संबंध में अवलोकन किया।

कलक्टर लोक बन्धु ने अजमेर शहर के आनासागर एस्केप चैनल, सूचना केन्द्र, ब्रह्मपुरी नाला, श्रीनगर रोड़, खानपुरा तालाब, सागर विहार, रीजनल कॉलेज, मित्तल चौराहा, फॉयसागर सहित विभिन्न जल भराव क्षेत्रों का अधिकारियों के साथ अवलोकन किया।

उन्होंने स्थानीय नागरिकों से चर्चा की। जल भराव की समस्या से प्रभावित होने वाले परिवारों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इन क्षेत्रों में पेयजल, राशन, सब्जी, दूध आदि की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जल में डूबी सड़कों के मैन हॉल की लगातार जांच की जाए। किसी मैन हॉल के क्षतिग्रस्त होने पर तुरन्त ही उसकी मरम्मत सुनिश्चित हो साथ ही उस पर संकेतक लगाकर दुर्घटना की आशंका को रोका जाए। जल भराव के क्षेत्रों में यातायात को रोकने के लिए कार्मिक तैनात रखें। मड पम्प तथा वाटर पम्प के माध्यम से जल स्तर में कमी लाने का प्रयास करें। आनासागर एस्कैप चैनल में जलकुम्भी सहित समस्त प्रकार की रूकावटें लगातार दूर कर बाधा रहित जल प्रवाह सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि फॉयसागर झील की चादर की लगातार निगरानी रखी जाए। यहां मौके पर तैनात सिविल डिफेंस, पुलिस, होमगार्ड तथा अन्य कार्मिकों के साथ फॉयसागर पाल की सुरक्षा के बारे में विस्तार से विचार विमर्श कर आवश्यक निर्देश प्रदान किए। रिसाव को रोकने के लिए कट्टे लगवाए गए हैं। मुख्य मार्गों के गड्ड़ों को मिट्टी के कट्टों से भरकर तत्काल राहत पहुंचाने के लिए कहा।

 

अधिकारियों आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के दिए निर्देश

जिले में अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए कलक्टर लोक बन्धु द्वारा रविवार को अधिकारियों की बैठक ली गई। इसमें आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश प्रदान किए गए

कलक्टर लोक बन्धु ने अधिकारियों की बैठक में आपदा प्रबन्धन के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि समस्त विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करेंगे। नियन्त्रण कक्ष सहित समस्त माध्यमों से प्राप्त शिकायतों का तत्काल निस्तारण करें। क्षेत्र की गतिविधि से उच्च अधिकारियों को लगातार अवगत कराएं। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के समस्त अधिकारी लगातार क्षेत्र में दौरे पर रहेंगे। जल भराव के सम्भावित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार पूर्व तैयारी रखें। इसके लिए बचाव एवं राहत से जुड़े दलों को अग्रिम रूप से तैनात कर दें।

उन्होंने कहा कि जिले के समस्त अधिकारी एवं कार्मिक अपने मुख्यालय पर ही उपस्थित रहेंगे। समस्त प्रकार के अवकाशों पर पाबंदी लगाई गई है। स्थानान्तरित अधिकारियों एवं कार्मिकों को भी स्थिति सामान्य होने के पश्चात ही कार्यमुक्त किया जाए। आपदा प्रबन्धन को केन्द्र में रखकर मिशन मोड पर सभी कार्य करें। विभागीय कार्यों के अतिरिक्त प्रशासन द्वारा सौंपे गए उत्तरदायित्व भी पूर्ण करने के लिए तत्पर रहना होगा।

उन्होंने कहा कि जल स्तर कम होने के साथ ही क्षेत्र में संक्रमण एवं मौसमी बीमारियों की आशंका रहती है। इसके लिए तत्काल प्रभाव से घर-घर सर्वे आरम्भ करें। प्रमुख दवाओं के किट बनाकर उपचार किए जाएं। जल स्त्रोतों में एंटी लार्वा एवं एंटी एडल्ट गतिविधियों का संचालन सुनिश्चित करें। सम्पूर्ण जिले में फोगिंग भी हो। ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी ग्राम पंचायतों में भी फोगिंग करवाने के लिए संसाधन उपलब्ध कराएं। जेएलएन एवं टीबी हॉस्पीटल में भरे पानी की निकासी लगातार कराएं।

उन्होंने कहा कि क्षेत्रा में विद्युत की निर्बाध एंव दुर्घटना रहित आपूर्ति जारी रखे। किसी भी स्थान से दुर्घटना होने की सूचना मिलते ही तत्काल बिजली बंद कर तंत्र की मरम्मत करे। इसी प्रकार पेयजल सप्लाई भी व्यवधान रहित हो। पानी उतरने पर जल में डूबी समस्त पाईप लाईनों की नियमित जांच करें। क्षेत्र में क्षतिग्रस्त पाईपलाइनों की मरम्मत कर पेयजल आपूर्त्ति निर्धारित स्थल तक पहुंचाने की व्यवस्था के लिए अलर्ट मोड रखें।

उन्होने कहा कि जिले के समस्त बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। भरे बांधों की पाल से कटाव एवं रिसाव रोकने के लिए समस्त संसाधन फिल्ड में रहेंगे। विभिन्न स्थानों पर मिट्टी के कट्टों का स्टॉक रखें। जल स्त्रोतों के पास बच्चों को जाने से रोकें। बैठक में दिए गए निर्देशों की पालना आज ही सुनिश्चित की जाए। सोमवार को आयोजित होने वाली समन्वय बैठक में इनकी समीक्षा की जाएगी। पशुओं के टीके एवं दवाओं की उपलब्धता प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र तक लगातार बनाए रखें।

पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार ने कहा कि जल स्त्रोतों तथा जल भराव के क्षेत्रों के पास जाप्ता तैनात करें। इन क्षेत्रों से यातायात को रोककर वैकल्पिक मार्गों के माध्यम से आवाजाी सुनिश्चत करें। समस्त सरकारी वाहनों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाकर रखें। साथ ही वाहनों में रस्से, ट्यूब, फावडा जैसी सामग्री होनी चाहिए। पुलिस विभाग के समस्त थानाधिकारी क्षेत्रा में भ्रमण कर अतिवृष्टि से उत्पन्न परिस्थिति पर नजर रखकर बचाव एवं राहत कार्य सुनिश्चित करेंगे।

इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना, अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त नित्या के., नगर निगम के आयुक्त देशल दान, अतिरिक्त कलक्टर गजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं ज्योति ककवानी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्ग सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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