परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-आबूरोड। न्यू टॉउन कोलिनी गणका के लोगों ने कॉलोनाइजर से द्वारा उनके स्वास्थ्य ष्व खिलवाड़ करने के खिलाफ धरना दिया। मौके पर पहुंचे तहसीलदार को अपनी समस्या बताई।
आबूरोड के रेवदर रोड पर मांउट व्यू प्रोजेक्ट के द्वारा न्यू टाउन कॉलोनी बसाई गई है। इसमें रह रहे लोगों का कहना है कि कॉलोनाइजर उनसे नियमित रूप से प्रति माह 36 पैसे प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से ममेन्टिनेंस चार्ज के रहा है। ये राशि कॉलोनी के रखरखाव के नाम पर ली जा रही है। इसमें नालियों और शौचालयों के पानी।को ट्रीट करने की राशि भी शामिल है। लेकिन पिछले लंबे समय से बिल्डर कॉलोनी।के।मकानों से निकलने वाले पानी को
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) से ट्रीट किये बिना ही कॉलोनी की। खाली जमीनों में डाल दे रहा है। शुरू में इसकी शिकायतप्रदूषण कार्यालय सिरोही में कई गई। उन्होंने कॉलोनाइजर को आकर हिदायत दी तो उसने खड्डे खोदकर अब ये गंदा पानी उसमें डाल दिया है। इससे उस गंदे पानी के भूमिगत जल में मिलकर उसे गंदा करने की पूरी संभावना है। इस पर कॉलोनी वासियों ने फिर विरोध जताया।
उनका आरोप है कि कॉलोनाइजर के कार्यालय जाकर जब शिकायत की तो वो अभद्रता करने लगे। इस पर कॉलोनी वासियों ने आज प्रदर्शन किया।मौके पर देलदर तहसीलदार, नगर सुधार न्यास सचिव एव सदर थानाधिकारी पहुंचे। उन्होंने समझा आप मांग के अनुसार शीघ्र ही कार्यवाही कराई जाएगी औऱ दोषियों को कार्यवाही का भरोसा दिलाया। इस असवर पर न्यू टॉउन रेजिडेंशियल सोसायटी की तरफ से तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया और कार्यवाही की मांग रखी।
इस धरने में न्यू टॉउन सोसाइटी के अध्यक्ष रामबीर शर्मा, उपाध्यक्ष लच्छाराम चौधरी, सचिव विनोद बंसल, सह सचिव अनन्त खंडेलवाल, अमृत अग्रवाल, तुसार अग्रवाल, दया शंकर बैरवा, महेश आजना, रविन्द्र शर्मा, मंगल सिंह राव शम्भू सिंह सोलंकी, रविन्द्र सिंह, नेहा अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, नीता सक्सेना सहित कोलिनी निवासी उपस्थित रहे।
-ईको सेंसेटिव ज़ोन में सटा कर फैला रहा गंदगी
माउंट आबू वाइल्डलाइफ सेंचुरी के चारों ओर एक किलोमीटर के दायरे में ईको सेंसेटिव ज़ोन है। जिस न्यू टाउन कॉलोनी में कॉलोनाईज़र गंदगी फैला रहा है व्व एक सेंसेटिव ज़ोन से कुछ ही दूरी पर है। जमीन में खड़े खोद कर डाला जा रहा नोन ट्रीटेड पानी ईको सेंसेटिव ज़ोन के भूमिगत पानी को भी गंदा करेगा। इसके बावजूद प्रदूषण विभाग और इस ईको सेंसेटिव ज़ोन की मॉनिटरिंग कमिटी के अध्यक्ष जिला कलेक्टर के द्वारा कॉलोनीज़र को इस तरह से राहत देना पर्यावरण कानूनों की जबरदस्त अनदेखी है।