नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शिकायत की और एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां निर्वाचन आयोग से मुलाकात की और 17 शिकायतों का एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में गुरदीप सिंह सप्पल और सुप्रिया श्रीनेत शामिल थे।
मुलाकात के बाद सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि निर्वाचन आयोग काे 17 शिकायतों का एक ज्ञापन सौंपा गया और इनपर उचित कार्रवाई की मांग की गई। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने पांच-छह शिकायतों पर विशेष रुप से विस्तृत चर्चा की।
कांग्रेस नेता ने बताया कि निर्वाचन आयोग के समक्ष लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) पुत्री अंजली बिरला का भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार करने, सूरत लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द करने और मणिपुर में लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान हिंसा का मामला भी उठाया गया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मुख्य कार्यकारी एक समुदाय को निशाना बना रहे हैं। उनका बयान गंभीर और आपत्तिजनक है और इसे वापस लिया जाना चाहिए और इस पर स्पष्टीकरण जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग से इस बयान पर कानूनी रूप से कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने राजस्थान में जिस तरह एक समुदाय के लिए भद्दा वक्तव्य दिया, वह आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव आयोग को इसपर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इस बयान से देश के संविधान, प्रधानमंत्री पद, चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गुजरात समेत कई राज्यों में तस्वीरें लगाई हैं, जो सिर्फ धर्म पर आधारित हैं। कांग्रेस नेता ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी कर्नाटक के उस क्षेत्र में चुनाव प्रचार करेंगे, जिसमें चुनाव नहीं हुआ है। इसके लिए आयोग से अनुमति मांगी गई है।
उन्होंने कहा कि सूरत लोकसभा क्षेत्र में चुनाव के एक दिन पहले कांग्रेस के एक साथ चार प्रस्तावक कहते हैं कि हस्ताक्षर हमारे नहीं हैं और लापता हो जाते हैं। सीट सभी प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले लेते हैं। ऐसे में सूरत सीट का चुनाव स्थगित किया जाना चाहिए।