जयपुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अल्का सिंह गुर्जर ने कांग्रेस सरकार पर सामाजिक सदभाव बिगाड़ने एवं तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसकी तुष्टीकरण का सबसे बड़ा उदाहरण विजन-2030 डॉक्यूमेंट में मिल जाएगा, जिसमें सरकार ने ऐसे संगठन से राय ली जो प्रतिबंधित है।
डा गुर्जर ने शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार सामाजिक सदभाव बिगाड़ने एवं तुष्टीकरण की राजनीति कर वोट बैंक की राजनीति करने का काम कर रही है जबकि राज्य में महिला अपराध बढ़ते जा रहे है। उन्होंने कहा कि यह महिला अपराध को बढ़ावा देने वाली सरकार है।
उन्होंने कहा कि इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ा है। कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण का सबसे बड़ा उदाहरण विजन-2030 डॉक्यूमेंट है, जिसमें सुझाव के लिए आमंत्रित संगठनों में 43वें नंबर पर प्रतिबंधित संगठन पीएफआई का नाम है। सरकार ने ऐसे संगठन से राय ली जो प्रतिबंधित है, ऐसी सरकार का क्या विजन होगा, क्या नियत होगी, इससे समझा जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि मेवात को अपराधियों को गढ़ बना दिया गया हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान कि प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में राज्य की जीडीपी छह लाख करोड़ रुपए बढ़ी है और इस वित्त वर्ष तक 15 लाख करोड़ रुपए की हो जाएगी के सवाल पर डा गुर्जर ने कहा कि पता नहीं यह थोथे आंकड़े कहां से लाते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान की स्थिति यह है कि अब जो सरकार आएगी उसके लिए बजटीय प्रावधान करना मुश्किल हो जाएगा। कर्ज की जो सीमा होती है वहां तक ऋण लिया जा चुका है और अब निजी बैकों से ऋण लिया जा रहा हैं। यह सरकार प्रदेश का आर्थिक ताना बाना ध्वस्त कर चुकी है जो आने वाली सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि यह जानते हैं कि सरकार फिर से आ नहीं रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले चार साल तो कुर्सी-कुर्सी का खेल खेला गया और पिछले छह महीनों से मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मांगते-मांगते थक जाओंगे लेकिन वह देते हुए नहीं थकेंगे, क्योंकि उन्हें पता है कि इस बार वापस आना नहीं है और बिना बजट आवंटन के योजनाएं लाकर रेवड़िया बांटने की नई परम्परा चालू कर दी गई है जो राजस्थान के भविष्य एवं युवाओं के लिए ठीक नहीं है।
तीन और नए जिलों की घोष्णा के सवाल के जवाब में डा गुर्जर ने मुख्यमंत्री को घोषणा वीर बताते हुए कहा कि आगामी विधानसभा की आचार संहिता लगने में अभी दो-तीन दिन बाकी और इस दौरान भी और घोषणा की जा सकती है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के किसी भी कोने में महिला, बच्चियां सुरक्षित नहीं है। सड़क, खेत, स्कूल, चिकित्सा स्थल, एंबुलेंस यहां तक पुलिस थानों जैसी जगह पर भी महिलाओं की अस्मत से खिलवाड़ हो रहा है और रक्षक ही भक्षक बने हुए है। डॉ गुर्जर ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान लगातार अपराध में मामलों में नंबर एक पर है। गत 54 महीनों में 10 लाख से ज्यादा महिला उत्पीड़न की घटनाएं जिसमें 32 हजार से ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं हैं और इसमें 15 हजार से ज्यादा नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले शामिल हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री कहते हैं कि दुष्कर्म के 56 प्रतिशत मामले फर्जी हैं।