जयपुर। केंद्रीय कानून मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी की संकल्प पत्र समिति के संयोजक अर्जुनराम मेघवाल ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर महंगाई राहत शिविर के नाम से जनता को गुमराह करने एवं प्रदेश की जनता पर कर्ज का बोझ बढ़ाने का काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि यह गुड गवर्नेंस का वादा करके राजस्थान को बैड गवर्नेंस की ओर ले गई।
मेघवाल ने शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने नारा दिया था कि गुड गवर्नेंस देंगे लेकिन किसानों की ऋण माफी और बेरोजगारी भत्ते के नाम पर झूठ और भ्रम का जाल फैला कर ये लोग सत्ता में आए हैं। इनके द्वारा किया गया गुड गवर्ननेंस का वादा बैड गवर्नेंस में बदल गया। प्रदेश की जीडीपी डाउन है और कर्जा बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि हमारे सामने महंगाई के जो आंकड़े आए हैं, राष्ट्रीय औसत के हिसाब से देखें तो राजस्थान महंगाई के मामले में काफी ऊपर चला गया जबकि यह नीचे जाना चाहिए था। देश की महंगाई दर 5.03 प्रतिशत है वहीं राजस्थान में महंगाई दर 6.53 प्रतिशत है। ऐसे में कांग्रेस जब यह कहती है कि हमने महंगाई कम की है तो इनकी पोल खुल जाती है।
मेघवाल ने कहा कि देश की महंगाई दर और राजस्थान की महंगाई दर की तुलना करेंगे तो साफ अंतर दिखता है। कांग्रेस के लोग जनता के सामने भ्रम फैलाने का काम करते हैं। इस तरह ये लोग गुड गवर्ननेंस की बात करते हैं जबकि सच यह है कि प्रदेश को बैड गवर्ननेंस ही मिली है।
ये लोग जीडीपी को किस रूप में और कैसे मानते है यह मेरी समझ से बाहर है। जीडीपी तीन प्रकार की होती है उपभोग, निवेश और निर्यात। जिसमें उपभोग के मामले में देश और राज्य में यह दर 67 प्रतिशत से 70 प्रतिशत होनी चाहिए लेकिन राजस्थान सरकार उपभोग के मामले में भी खरी नहीं उतर पाई। देश के राष्ट्रीय औसत से इनकी पटरी नहीं बैठी। इसीलिए हम डबल इंजन सरकार की बात करते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कई ऐसे समिट किए और एमओयू साईन किए लेकिन वो धरातल पर नहीं उतर पाए। इनकी जो राजस्थान इनवेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम के तहत वादा किया गया था जो निवेश करेगा उसे हम सब्सिडी देंगे। कुछ लोगों ने निवेश किया लेकिन उन्हें सब्सिडी नहीं दी गई। इस संबंध में कई लोग कोर्ट में गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई औद्योगिक तरक्की नहीं हुई।
उन्होंन कहा कि केंद्र में वर्ष 2014 में जब हमारी सरकार बनी तब देश अर्थव्यवस्था के मामले में दसवें नंबर पर था, उसके बाद हमने सकारात्मक ऊर्जा से काम करना शुरु किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में निवेश को बढ़ाने की दिशा में काम किया गया। हमने हर दिशा में काम किया चाहे वह इंफ्रास्ट्रक्चर हो या निवेश। इन सभी कामों के चलते भारत को दसवें पायदान से उठाकर विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का काम किया गया। इसके अलावा हम निरंतर प्रयासरत हैं, इसी दशक में हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।