जयपुर। राजस्थान विधानसभा आम चुनाव के बाद कांग्रेस विधायक दल की मंगलवार को यहां बैठक हुई जिसमें नेता प्रतिपक्ष का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया गया।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई। जिसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, काग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई विधायक शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिन्द्र सिंह रंधावा एवं पार्टी पर्यवेक्षक मुकुल वासनिक, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा एवं मधुसूदन मिस्त्री भी मौजूद थे।
बैठक में सर्वसम्मति से नेता प्रतिपक्ष का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ने का निर्णय लिया गया। बैठक में कांग्रेस की हार को लेकर भी मंथन किया गया। इस दौरान पर्यवेक्षकों से विधायकों से बातकर फीडबैक भी लिया।
बैठक के बाद गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हमेशा से यह परम्परा रही हैं और इसी के तहत बैठक में प्रस्ताव पास कर नेता प्रतिपक्ष का फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया गया।
उन्होंने प्रदेश में पार्टी की हार पर कहा कि प्रदेश में उनकी सरकार ने शानदार योजनाए लाकर उन्हें लागू किया गया और कानून पास किए गए तथा गारंटिया दी गई। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सब कुछ ठीक लग रहा था। बाद में विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कई मुख्यमंत्री सहित कई नेता चुनाव प्रचार में स्थानीय एवं विधानसभा चुनाव के मुद्दों आदि पर बात नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि इन नेताओं को विकास के काम, सरकार की कमियों आदि पर चर्चा नहीं की गई और केवल झूठ का सहारा लिया गया एवं अफवाह फैलाई गई जो भाजपा के नेताओं को शोभा नहीं देता कि झूठ बोलकर लोगों को गुमराह किया गया।