कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाली को लेकर कांग्रेस नेताओं का दोहरा चरित्र उजागर : राज्यवर्धन राठौड़

जयपुर। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 बहाली को लेकर इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के रुख पर सवाल उठाते हुये कहा कि इससे कांग्रेस नेताओं का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है।

कर्नल राठौड़ ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से कांग्रेसी नेताओं को भारत का विभाजन करने वाला और अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा देने वाला करार देते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और इनके नेताओं द्वारा लगातार पिछले कई वर्षों से भारत को तोड़ने करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इनके प्रयासों को विफल कर दिया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इनके गठबंधन वाले राजनीतिक दल अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिये चाहे जितने प्रयास कर लें, लेकिन मोदी ने अनुच्छेद 370 का अंतिम संस्कार कर दिया है। यह अनुच्छेद अब वापस खड़ा होने वाला नहीं है।

कर्नल राठौड़ ने कांग्रेसी नेताओं पर सवाल दागते हुए कहा कि गांधी और इनकी पार्टी के नेता यह स्पष्ट करें कि वे अनुच्छेद 370 को हटाने के पक्ष में है या उसे बहाल करने के पक्ष में। देश की जनता के सामने कांग्रेसी नेताओं को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमारे आने वाली पीढ़ी को खंडित और बंटा हुआ भारत देना चाहती है। कांग्रेस सत्ता हासिल करने, देश को बांटने के लिए और खंडित तक करने के लिए तैयार है। कांग्रेस की देश को खंडित करने की मानसिकता अनुच्छेद 370 वापस लाने के नाकामयाब प्रयास से सामने आ गई है। इनके नेताओं का दोहरा चरित्र देश के सामने आ गया है।

कर्नल राठौड़ ने कहा कि गांधी और कांग्रेस ने आज पहली बार देश को विभाजित करने का प्रयास नहीं किया है, इससे पहले भी इन्होंने भारत को तोड़ने वाली ताकतों के साथ हाथ मिलाया है। वर्ष 2010 में जब गांधी जम्मू-कश्मीर गए थे, तो उन्होंने अलगाववादी सोच वाले नेताओं से वार्ता की। जब वह यूरोप और अमरीका जाते हैं, तो वहां विश्वविद्यालय में भारत के लोकतंत्र को एक खतरा बताते हैं, और यूरोप-अमेरिका को भारत में दखल देने के लिए न्यौता देते हैं।

गांधी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में टुकड़े-टुकड़े गिरोह का समर्थन किया। इतना ही नहीं, देश की आतंकवाद की घटनाओं में हिन्दू आतंक का नाम दिया, वहीं दूसरी ओर सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर भी इन्होंने सवाल उठाए। इसी कांग्रेस ने अब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए नेशनल क्रॉन्फ्रेस के साथ समर्थन दिया।

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि कश्मीर में पहली बार दलित, महिला, बच्चों को और शरणार्थियों को मतदान का अधिकार मिला, तो क्या कांग्रेस उनका यह मतदान का अधिकार छीनना चाहती है। उन्होंने कहा कि भारत के आजाद होने के बाद एक बहुत बड़ी राजनीतिक पार्टी ने भी वह काम किया था जो ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया था, कांग्रेस और इनके परिवार के लोगों ने भी देश को लूटने का काम किया है।

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पिछले 35 साल के दौरान अनुच्छेद 370 के रहते करीबन तीन हजार दिन तक कश्मीर बंद रहा, यानी 35 साल में आठ साल तक बंद रहा और मोदी ने जब से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया उसके बाद से कश्मीर आठ घंटे भी बंद नहीं किया गया। कश्मीर में शांति, अमन और चैन रहा। अलगाववाद करीब 70 प्रतिशत कम हो गया। पर्यटन को बढ़ावा मिला, मतदान का अधिकार मिला, सैलानियों की संख्या बढ़ी, लेकिन इंडी गठबंधन यह सब वापस छीनना चाहते हैं।