अजमेर। राजस्थान में अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने राज्य सरकार द्वारा बजट में पशु पालकोंं के लिए मिड-डे-मील योजना, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना को जारी रखने एवं समस्त जिलों में पशु मेले आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वित्त मंत्री दीया कुमारी का आभार व्यक्त किया है।
चौधरी ने कांग्रेस शासनकाल में गहलोत सरकार तथा वर्तमान भारतीय जनता पार्टी सरकार के प्रावधानों का तुलनात्मक विश्लेषण में कहा कि राज्य सरकार से बजट में विचारार्थ मुख्यमंत्री पशु विकास कोष पर मात्र 250 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है, जबकि गहलोत सरकार में लम्पी बीमारी पर मृत पशुओं को प्रति पशु 40 हजार रुपए की दर से 42,000 पशुओं का मुआवजा लगभग 170 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया। इसी प्रकार पंचायत, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर गौ शालाओं के शत-प्रतिशत अनुदान के लिए गहलोत सरकार ने 2300 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा था।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री द्वारा पशुपालकों के लिए ‘मंगला बीमा योजना’ में मात्र 400 करोड़ रुपए का ही प्रावधान रखा है जबकि गहलोत सरकार में लगभग 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया हुआ था। वर्तमान में मुख्यमंत्री ने नए पशु चिकित्सालय कि संख्या में भी नाम-मात्र कि वृद्धि की है, जिसमें 125 डॉक्टर एवं 500 पशुधन सहायक की भर्ती का प्रावधान रखा है लेकिन गहलोत सरकार में प्रत्येक पंचायत स्तर पर पशु चिकित्सालय एवं इसमें 1000 डॉक्टर एवं 5000 पशुधन सहायकों का प्रावधान कर रखा था, जिसकी लागत लगभग 1000 करोड़ रुपए थी।
चौधरी ने कहा कि पशुपालकोंं के लिए सुनहरा मौका होता यदि राज्य सरकार लिंग चयनित वीर्य शत-प्रतिशत अनुदान पर निःशुल्क उपलब्ध करवाती। उन्होंने कहा उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट जाहिर होता है कि वर्तमान सरकार पशुपालकोंं के हितों के लिए केवल सब्जबाग ही दिखा रही है।
उन्होंने मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री का इस बात के लिए आभार व्यक्त किया है कि पशु मेले प्रदेश के समस्त जिलोंं में आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के लिए 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है एवं मिडे-डे-मील ‘बाल गोपाल’ योजना के अन्तर्गत इस मद में आंगनबाड़ी, प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।
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