जयपुर। राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा के बजट एवं द्वितीय सत्र के आखिरी दिन मंगलवार को पूरे दिन सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही और सदन की पालना नहीं करने पर कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया और इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चतिकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही दिन भर हंगामे के बीच चलने के बाद जब राज्य में आपदा प्रबंधन की स्थिति पर चर्चा हो रही थी और इसके आखिरी में सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि सोमवार को अभद्रता के कारण भाकर को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबत किया गया था लेकिन इसके बावजूद भी वह सदन से बाहर नहीं गए। उन्होंने नियम 292(3) का ध्यान दिलाते हुए कहा कि निलंबित सदस्य सदन की सीमा का उल्लंघन किया और प्रतिपक्ष ने उसे संरक्षण दिया जो अलोकतांत्रिक एवं अशोभनीय है।
इसके बाद गर्ग ने प्रस्ताव किया कि भाकर का छह महीने के लिए निलंबित किया जाना चाहिए। इस पर अध्यक्ष ने भाकर को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया और एक बजकर 52 मिनट पर सदन की कार्यवाही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी।
बुधवार को भाकर को बजट सत्र के शेष अवधि के लिए निलंबित करने के विरोध में कांग्रेस के सदस्यों ने वेल में धरना दिया और रात भी सदन में ही गुजारी और मंगलवार पूर्वाह्न ग्यारह बजे सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष के सदस्यों ने भाकर को अपने घेरे में रखते हुए हंगामा शुरु कर दिया। इस पर अध्यक्ष देवनानी ने उन्हें अपनी सीट पर जाने और निलंबित सदस्य भाकर को सदन के बाहर जाने के लिए कहा लेकिन भाकर सदन में ही डटे रहे और विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते रहे।
पूरे प्रश्नकाल हंगामे में गुजरा और कांग्रेस के सदस्यों के प्रश्न नहीं उठाने के कारण प्रश्नकाल समय से पहले ही पूरा हो जाने एवं हंगामे के चलते अध्यक्ष ने 11 बजकर 46 मिनट पर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बज 16 मिनट पर फिर शुरु होने पर विपक्ष के सदस्यों ने फिर नारेबाजी कर हंगामा शुरु कर दिया और हंगामें के बीच ही सदन की कार्यवाही चलती रही। देवनानी ने बीच बीच में विपक्ष के सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने और निलंबित सदस्य को बाहर भेजने के लिए कहते रहे लेकिन इसका विपक्ष के सदस्यों पर कोई असर नहीं पड़ा।
विपक्ष के सदस्य पहले तो वेल के पास एकत्रित होकर नारेबाजी एवं हंगामा कर रहे थे लेकिन बाद में एक बजकर 14 मिनट पर वे वेल में आ गए और नारेबाजी कर हंगामा करने लगे। इस पर सभापति अर्जुनलाल जीनगर ने उन्हें वेल में नहीं आने के लिए कहा लेकिन विपक्ष के सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ और हंगामा करते रहे और बाद में वेल में बैठ गए रघुपति राजाराम गाने लगे। इसके थोड़ी देर बाद भाकर भी वेल में आ गए।
आज सदन में पूरे दिन भाकर को महिला सदस्यों को आगे रखते हुए विपक्ष के सदस्यों ने घेरकर रखा। इस पर गर्ग ने कहा कि आसन का इकबाल इतना बुलंद हैं कि अध्यक्ष के आसन पर होते हुए विपक्ष के सदस्यों की वेल में आने की हिम्मत नहीं हुई और उनके जाते ही वे वेल में आ गए। इस पर विपक्ष के सदस्य खड़े हो गए और जोर से हंगामा करने लगे।
आपदा की स्थिति पर चर्चा हो रही थी विधायक गोपाल शर्मा बोल रहे थे कि तब उन्होंने कांग्रेस के एक बड़े नेता का नाम लेने पर कांग्रेस सदस्यों ने इस पर जोरदार हंगामा किया और भाजपा के सबसे बड़े नेता का नाम लेते मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। इस पर सत्ता पक्ष के लोग भी खड़े हो गए और सदन में शोरगुल बढ़ गया जिससे जोरदार हंगामा हुआ।
बाद में गर्ग ने भाकर को निलंबित करने का प्रस्ताव किया और भाकर को छह महीने के लिए निलंबित कर देने के बाद राष्ट्रगान हुआ और देवनानी ने एक बजकर 52 मिनट पर सदन की कार्यवाही अनिश्चितिकाल के लिए स्थगित कर दी।