राजस्थान विधानसभा में गतिरोध बरकरार, सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित

जयपुर। राजस्थान की 16वीं विधानसभा के तृतीय एवं बजट सत्र में एक मंत्री की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर टिप्पणी को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद उत्पन्न गतिरोध सोमवार को भी जारी रहा और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी वहीं कांग्रेस सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया।

सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित होने के बाद अपराह्न दो बजे फिर शुरु होने पर अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने वेल में खड़े विपक्ष के सदस्यों से अपने सीटों पर जाने की अपील की और निलंबित कांग्रेस विधायकों से सदन के बाहर जाने के लिए कहा। इस पर विपक्ष के सदस्य अपने सीटों पर चले गए और निलंबित सदस्य सदन के बाहर निकल गए।

इसके बाद देवनानी ने प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली को बोलने की अनुमति दी। इस पर जूली ने कहा कि हमेशा संसदीय परम्पराओं का सम्मान किया गया है और सभी सदस्य यहां जनता की बात रखने एवं राजस्थान कैसे आगे बढ़े इसके लिए आते हैं और हाल में सदन में जो घटना घटित हुई वह नहीं होनी चाहिए। इसके लिए अध्यक्ष व्यवस्था दे।

इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र पारीक ने कहा कि सदन में जो गतिरोध हुआ वह गलत हुआ और संवाद से ही समाधान तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि गतिरोध से सदन का मूल्यवान समय व्यर्थ गया जो चिंता का विषय हैं और भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया कि वह उदारता दिखाते हुए इस गतिरोध को समाप्त करे।

इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सदन की गरिमा बनी रहे एवं सदन की स्वस्थ परम्परा कायम रहे। उन्होंने कहा कि पक्ष एवं विपक्ष दोनों पक्ष को आसन और एक दूसरे सदस्य का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष नेता ने भी कहा और हमारे दल का भी मानना है कि सदन में गतिरोध समाप्त हो। उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया कि इसके लिए कोई समाधान निकाले और गतिरोध समाप्त कर सदन की स्वस्थ परम्परा को कायम किया जाना चाहिए।

इस पर देवनानी ने निलंबित सदस्य गोविंद सिंह डोटासरा को बोलने के लिए सदन में आने के लिए विशेष अनुमति दी और इस दौरान डोटासरा ने कहा कि अध्यक्ष ने हमेशा विपक्ष का संरक्षण प्रदान किया हैं। उन्होंने सदन में घटना को खेदजनक बताया लेकिन कहा कि इस पर पहले इंदिरा गांधी पर टिप्पणी करने वाले मंत्री बोले उसके बाद वह आगे बोलेंगे। इस पर पटेल ने कहा कि गतिरोध समाप्त करने के लिए जो बात हुई डोटासरा को उस पर कायम रहना चाहिए लेकिन डोटासरा के अपनी बात पर अड़े रहने एवं खेद प्रकट नहीं करने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दो बजकर 18 मिनट पर आधा घंटे के लिए फिर स्थगित कर दी।

इसके बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरु होने पर बजट पर चर्चा शुरु हुई और चर्चा की शुरुआत विधायक गोपाल शर्मा ने की इस दौरान शर्मा ने बजट की प्रशंसा करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया। इसी तरह विधायक गोरधन ने बजट चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि राज्य बजट में गरीब, महिला, मजदूर सहित सभी वर्ग को स्थान दिया गया हैं और राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया है।

इसी तरह विधायक मनोज कुमार ने चर्चा में भाग लेते हुए पेड़ों को कटने से बचाने की बात कही और यमुना जल समझौते को धरातल पर उतारने की मांग की। चर्चा में विधायक अर्जुन लाल, गोपाल लाल शर्मा, शोभा चौहान, हमीर सिंह भायल, बालमुंकुंदाचार्य, अंशुमान सिंह भाटी, लादूराम पितलिया आदि ने भाग लिया।

चर्चा के बीच सदन में गतिरोध समाप्त करने के लिए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जुली ने सभापति से एक और अनुरोध किया कि एक बार मंत्री का वक्तव्य दिला दे ताकि गतिरोध समाप्त हो सके। बाद में विपक्ष के सदस्यों ने बजट चर्चा का बहिष्कार कर सदन के बाहर निकल गए। इस दौरान संसदीय राज्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि विपक्ष के सदस्य सदन के प्रति गंभीर नहीं हैं और उनके बाहर जाने का कोई कारण नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी।

बाद में चर्चा के बीच अध्यक्ष देवनानी ने गतिरोध के बारे में बताते हुए कहा कि बहुत प्रयत्न किया गया कि यह गतिरोध टूटे और गतिरोध पैदा नहीं हो इसके लिए सर्वदलीय बैठक होनी शुरु हुई और सारे दलों से चर्चा और सहमति भी बनी और सदन भी चलने लगा लेकिन विपक्ष के सदस्य गोविंद सिंह डोटासरा बार बार बीच में खड़े होकर बाधित करते थे, डा किरोड़ी लाल मीणा फोन टैपिंग मामले को लेकर भी सदन में अवरोध किया। अभी अवरोध हुआ और इन्होंने विषय को लेकर सदन में अध्यक्ष के नजदीक आ गए, इस कारण कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद निलंबित सदस्य सदन के बाहर नहीं गए और सदन में धरने में बैठ गए। गतिरोध दूर करने के लिए कल शाम चर्चा करते हुए सवेरे भी इनको बुलाया। प्रश्नकाल में सदन की कार्यवाही स्थगित कर इन्हें बातचीत के लिए बुलाया गया। बातचीत में आश्वस्त करने के बावजूद अपने बात पर कायम नहीं रहे।

उन्होंने कहा कि आज तक राजस्थान विधानसभा के इतिहास में निलंबन के बाद सदस्य सदन में नहीं आ सकता लेकिन गतिरोध समाप्त करने के तहत परम्परा से हटकर सदन में निलंबित सदस्य को विशेष अनुमति देकर बोलने का मौका दिया गया, लेकिन एक सदस्य ने गतिरोध समाप्त करने के लिए जो तय हुआ था उसे उलट दिया जबकि हमारी ओर से गतिरोध समाप्त करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी। उन्होंने कहा कि सदन में अनुशासनहीनता एवं हठधमिता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सदन मर्यदाओं एवं परम्पराओं से चलेगा। उन्होंने सदन में इस सदस्य के बर्ताव को घोर अनुशासनहीन बताते हुए इसकी निंदा की।

इससे पहले आज सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुुरु हुई और तेरह मिनट बाद ही तीन प्रश्नों के जवाब के बाद हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही भी जारी रही और शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव एवं नियम 295 के तहत सदस्य अपनी बात रख रहे थे कि विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के पास पहुंच जाने पर मार्शल बुलाने पड़ गए।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 12 बजकर 13 मिनट पर एक बजे तक सदन की कार्यवाही फिर स्थगित कर दी। इसके बाद एक बजे सदन की कार्यवाही फिर भोजनअवकाश के लिए दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा में शुक्रवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी के विरोध में विपक्षी विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा करने एवं आसान के नजदीक पहुंच जाने के बाद कांग्रेस के छह विधायकों को सदन से इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में ही धरना शुरू कर दिया था।

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