जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि किसान आंदोलन के चलते शुक्रवार को किसानों के भारत बंद के आह्वान का कांग्रेस समर्थन करते हुए किसानों के साथ खड़ी रहेगी।
डोटासरा ने गुरुवार को यहां प्रेस वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि किसान यूनियनों ने सोलह फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है तथा कांग्रेस पार्टी किसानों द्वारा भारत बंद किये जाने के आह्वान का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि किसानों के शांतिपूर्वक चलाये जा रहे आन्दोलन के तहत आयोजित भारत बंद का समर्थन करते हुये कांग्रेस पार्टी अपील करती है कि किसी प्रकार राजकीय सम्पत्ति का कोई नुकसान नहीं हो यह सुनिश्चित करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में उनके साथ रहेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वादा किया है कि कांग्रेस पार्टी की केन्द्र सरकार बनने पर एमएसपी का कानून लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खड़गे तथा राहुल गांधी द्वारा एमएसपी को लागू करने के किसानों से किए गए वादे का स्वागत पूरा देश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पूरा देश जानता है कि कांग्रेस पार्टी अपने किए हुये वादों को हर हाल में निभाती है, जो कहते हैं, वही करते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आज जिस प्रकार से लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर केन्द्र की भाजपा सरकार प्रहार कर रही है यह देश के लिए घातक हैं एवं लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार लोगों से विचार व्यक्त करने तथा आन्दोलन करने का अधिकार छीन रही है।
डोटासरा ने कहा कि वर्ष 2011 में जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, यूपीए सरकार द्वारा उपभोक्ता मामलों से जुड़े 2010 में गठित वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष थे, उस वक्त मोदी तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात ने कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस रिपोर्ट में भी एमएसपी को कानून बनाने की सिफारिश की गई थी तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए सांविधिक निकाय बनाने की सिफारिश तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने की थी।
उन्होंने कहा कि एमएसपी को कानून का दर्जा मिलना चाहिए, यह बात पूर्व से ही भाजपा द्वारा भी उठाई गई थी। उन्होंने कहा कि 15 माह तक चले किसान आन्दोलन में जब भाजपा की केन्द्र सरकार से समझौता हुआ था तब यह भी तय हुआ था कि किसानों पर जो 50 हजार से अधिक मुकद्में दर्ज हुए हैं उन्हें वापस लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ सरकारों ने वापस लिए लेकिन केन्द्र सरकार ने व भाजपा की सरकारों ने किसानों को कोई राहत इस मुद्दे पर प्रदान नहीं की।
उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह सरकार ने किसानों के 72 हजार करोड़ रूपये के ऋण माफ किय थे जो उदाहरण है कि केन्द्र सरकारें किसानों को राहत प्रदान करने का कार्य करती रही है।
उन्होंने कहा कि जब केन्द्र में यूपीए की सरकार एवं राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रस्तुत उदाहरण भाजपा के समक्ष है तो आज केन्द्र की भाजपा सरकार तथा राजस्थान की भाजपा सरकार किसानों के कर्जे माफ करने का कार्य क्यों नहीं कर रही है।
डोटासरा ने कहा कि आज किसान केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी के विरूद्ध आन्दोलन करने के लिये इसलिए मजबूर हुए हैं क्योंकि केन्द्र की भाजपा सरकार ने किसानों से लिखित में समझौता किया था कि केन्द्र सरकार एक कमेटी बनाकर एमएसपी के कानून सहित सभी मुद्दों का हल निकालेगी।
उन्होंने कहा कि कमेटी सम्भवत: केन्द्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी है और जो जानकारी है उसके अनुसार एमएसपी को कानून बनाने की बात रिपोर्ट में नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जानबूझकर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर रही है जिस कारण किसानों को आज एमएसपी का कानून बनवाने के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।