नई दिल्ली। राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्र विभाजन के बयान पर कांग्रेस को देशवासियों, देश और सदन से माफी मांगनी चाहिए।
गोयल ने सदन में सुबह कहा कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के एक उपमुख्यमंत्री के भाई एवं दूसरे सदन के सदस्य राष्ट्र विभाजन की बात कर रहे हैं और उन्होंने इस संबंध में मीडिया में बयान दिया है। गोयल ने कहा कि सदन के सदस्य संविधान और देश की एकता, अखंडता तथा संप्रभुता बनाए रखने की शपथ लेते हैं। कांग्रेस नेता का यह बयान इस शपथ का उल्लंघन है। इस संबंध में कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र विभाजन के बयान पर कांग्रेस को स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए तथा इसकी कड़ी निंदा करनी चाहिए।
इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता पर खतरे को कभी भी सहन नहीं किया जा सकता। कांग्रेस पार्टी देश तोड़ने की बात कभी सहन नहीं करेगी। भारत कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एक है और इसे कोई भी नहीं तोड़ सकता। खड़गे ने कहा कि बयान देने वाले नेता ने कहा है कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा है। इसलिए इस मामले की जांच की जानी चाहिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है तथा इससे ऊपर कोई भी नहीं है। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस मुद्दे पर पूरे सदन को एकजुट होना चाहिए और यह संदेश देना चाहिए कि राष्ट्रीय मुद्दे पर यह सदन एक है।