अयोध्या। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में 16 जनवरी को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न कराने के लिए 11 यजमानों से मूर्ति निर्माण स्थल से पूजन का शुभारम्भ शुरू होगा।
विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने सोमवार को यहां बताया कि श्रीरामलला की मूर्ति का जिस कुटिया में निर्माण किया गया है, 16 जनवरी को पूजन का प्रारंभ इसी कर्म कुटी से होगा। इसके बाद मूर्ति का निर्माण करने वाले शिल्पी का प्रायश्चित पूजन होगा।
उन्होंने बताया कि 17 जनवरी को श्री विग्रह का परिसर भ्रमण कराया जाएगा तथा गर्भगृह का शुद्धिकरण होगा। 18 जनवरी से अधिवास प्रारंभ होगा, दोनों समय जलाधिवास होगा। इसके साथ ही सुगंधि और गंधाधिवास भी होगा। 19 जनवरी को प्रात: फल अधिवास और शाम को धान्य अधिवास होगा। इसी तरह 20 जनवरी को सुबह पुष्प और रत्न अधिवास, शाम को घृत अधिवास होगा।
तिवारी के अनुसार 21 जनवरी को प्रात: शर्करा, मिष्ठान और मधु अधिवास होगा। शाम को औषधि और शय्या अधिवास होगा। भगवान राम सूर्यवंशी हैं और आदित्य भी द्वादश हैं इसलिए द्वादश अधिवास हो रहे हैं। इसके अलावा 16 से 22 जनवरी तक चतुर्वेद यज्ञ होगा। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के ब्रह्मा गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, प्रमुख आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, सुनील दीक्षित, गजानंद जोगकर, अनुपम दीक्षित, घटाटे गुरुजी प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान संपन्न कराएंगे। इसमें 11 यजमान होंगे।
उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को मध्य दिवस में श्रीराम लला के विग्रह की आंखों से पट्टी खोली जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा।