परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-सिरोही। 2013 में एक हिन्दी मूवी आई थी फुकरे। इसके तीन सिक्वल बन चुके हैं। आखिरी सिक्वल 2023 में आया फुकरे 3। इसमें वरूण शर्मा ने एक केरेक्टर प्ले किया है। इसमें उसके दोस्त हनी और लाली वरूण शर्मा को जो सपने आते हैं उसे डीकोड करके स्कीमें लडाते हैं और फिर हसी का पात्र बनते हैं या कहीं ना कहीं फंस जाते हैं। उनकी ट्रेजेडी में कॉमेडी होती है।
पिछले एक साल से सिरोही भाजपा के जो हाल हो चुके हैं उससे यही लगता है कि संगठन जिलाध्यक्ष सपने को डीकोड करके उसे अगले दिन लागू कर देते हैं। फिर विवाद और असंतोष फैलता है जो संगठन को जिले में नुकसान पहुंचा रहा है। सिरोही में भाजपा जिलाध्यक्ष की स्वेच्छाचारिता का ये हाल है कि भाजपा की संवैधानिक व्यवस्था तो दूर प्रदेश संगठन के नेताओं को भी विश्वास में लिए बिना ही जब मर्जी हुई किसी को भी हटा रहे हैं, जब मर्जी हुई किसी को मनोनीत कर दे रहे हैं, जब मर्जी हुई किसी का निष्कासन या निलम्बन कर दे रहे है।
अब संगठन में ही आरोप लगने लगे हैं कि भाजपा के सत्ता में आते ही वो आबूरोड यूआईटी के अध्यक्ष पद को फिर से पाने के जुगाड में लग गए है। सिरोही जिले के भाजपा के व्हाट्सएप समूहों में अब ये आरोप लगते रहते है कि कोठारी जिस तरह से काम कर रहे हैं उससे ये लग रहा है कि वो यूआईटी अध्यक्ष बनने से पहले गुटबाजी से संगठन को जितना नुकसान पहुंचा सकते हैं पहुंचाने में लगे हुए हैं।
मांगूसिंह के निष्कासन की प्रकिया हो, जिला संगठन की कार्यकारिणी का मामला हो, ब्लॉकों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो या ताजा ताजा भाजपा के पांच मोर्चों के अध्यक्षों के मनोनयन का मामला हो। हर मामले में विवाद उठा और संगठन के द्वारा अपनाई गई प्रकिया को नहीं अपनाने का आरोप लगा। ताजा विवाद भी भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दक्षा देवडा के मनोनयन पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रक्षा भंडारी का समाचार पत्र में प्रकाशित बयान को लेकर शुरू हुआ।
भाजपा संगठन में अब ये आरोप लग रहा हैं कि सुरेश कोठारी ने भाजपा को प्राइवेट लिमिटेड फर्म की तरह इस्तेमाल करते हुए जब मर्जी जैसी नियुक्तियां करने की कार्यप्रणाली अपना ली है। दरअसल एक समाचार पत्र की वायरल कटिंग में रक्षा भंडारी को जो बयान आया है इसके अनुसार सुरेश कोठारी के द्वारा हाल में भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दक्षा देवडा के मनोनयन के लिए प्रदेश महिला मोर्चा की तरफ से कोई लिखित मनोनयन पत्र नहीं आया था। इस बयान की मानें तो भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष की नियुक्ति में सुरेश कोठारी ने स्वेच्छाचारिता अपनाई है। इससे फिर से सुरेश कोठारी विवादों के घेरे में आ गए हैं।
इस विवाद के बाद सबगुरु न्यूज ने सभी नियुक्तियों पर उठे विवाद को लेकर प्रदेश संगठन के प्रमुख नेताओं से बात की तो जो बात निकलकर आई वो सुरेश कोठारी की कार्यप्रणाली को पूरी तरह से संदिग्ध और संगठन के कायदों के विपरीत बता रही है। पार्टी के प्रदेश सूत्रों के अनुसार बाजाज बल्ब के विज्ञापन की तरह पूरे जिले के पदाधिकारी बदल डालूंगा की रणनीति पर काम करते हुए सुरेश कोठारी ने चार मोर्चों के जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी तो प्रदेश तक हंगामा मचा।
पार्टी के प्रदेश सूत्रों के अनुसार भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने सभी मोर्चों के प्रदेशाध्यक्षों से सिरोही जिले के जिलाध्यक्षों को बदलने की जानकारी मांगी तो उन्हें बताया गया कि अभी चर्चाएं जरूर हुई लेकिन, इस तरह का कोई आदेश प्रदेश मोर्चों के द्वारा जारी नहीं किया गया है। इसके बाद सीपी जोशी ने सुरेश कोठारी पर नाराजगी जताते हुए इन सब नियुक्तियों को रिवर्ट करने को कहा। भाजपा सिरोही के ओबीसी मोर्चे के प्रदेश महामंत्री के द्वारा सुरेश कोठारी के भाजपा जिला ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के आदेश के बाद पुराने जिलाध्यक्ष के यथावत काम करने का आदेश भी प्रदेश तक इस विवाद के पहुंचने और प्रदेशाध्यक्ष से चर्चा के बाद निकाला गया था।
सूत्रों की मानें तो प्रदेशाध्यक्ष ने सुरेश कोठारी के पास भी इस आदेश को रिवर्ट करने (वापस लेने) के निर्देश दिए थे। लेकिन, अपनी फजीहत से बचने के लिए कोठारी ने ये नहीं किया। जब मर्जी तब जिले में भाजपा के पदाधिकारियों को हटाने और निलम्बित करके तिरस्कृत कर देने वाले जिलाध्यक्ष को शायद अब अपने ही आदेश को रिवर्ट करने में तिरस्कार महसूस हो रहा है।
सबगुरु न्यूज ने भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष रक्षा भंडारी से बात की। उन्होंने बताया कि प्रदेश संगठन से चर्चा होगी तो उनके निर्देश पर कई जिलों में महिला मोर्चा के जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। उनके साथ सिरोही में भी बदले जा सकते हैं। प्रदेश संगठन के द्वारा नये मनोनयन तक फिलहाल सिरोही जिले में ओबीसी मोर्चा की तरह ही पूर्ववर्ती व्यवस्था यथावत रहेगी और महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अंशु वशिष्ठ यथावत ही काम करती रहेंगी। सबगुरु न्यूज के सवाल पर रक्षा भंडारी ने बताया कि सिरोही में महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष की घोषणा जिलाध्यक्ष स्तर से ही हुई है, प्रदेश संगठन की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में महिला मोर्चा की जिलाध्यक्षों के साथ प्रदेश से ही आदेश जारी किए जाएँगे, तब संभवतः यहां भी बदलाव हो सकता है लेकिन, तब तक व्यवस्था पूर्ववत रहेगी।
वहीं भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष अंकित चेची ने बताया कि सिरोही में युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष के नवमनोनयन को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष से उनकी बात हुई थी। सिरोही जिले के नामों की चर्चा चल रही है। प्रदेश संगठन इस पर प्रदेशाध्यक्ष से चर्चा कर रहा है। लेकिन, प्रदेश से सिरोही जिले में युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष को बदलने के लिए कोई आदेश जारी नहीं हुआ। जिलाध्यक्ष ने मुझसे मौखिक चर्चा जरूर की थी लेकिन, नए जिलाध्यक्ष के मनोनयन का आदेश सिरोही जिलाध्यक्ष जिला स्तर का ही है। उन्होंने बताया कि जब तक प्रदेश से नई नियुक्तियां नहीं होती तब तक पूर्ववर्ती व्यवस्था यथावत रहेगी।
दरअसल, 30 मई को भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश कोठारी ने सिरोही में भाजपा के मोर्चों के नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी थी। इसमें मनीष लखारा को युवा मोर्चा, दक्षा देवडा को महिला मोर्चा, हार्दिक देवासी को ओबीसी मोर्चा, भावाराम गरासिया को एसटी मोर्चा और साबिर कुरैशी को अल्पसंख्यक मार्चे का जिलाध्यक्ष मनोनीत करने का आदेश जारी कर दिया था। इस मनोनयन के बाद जिले से प्रदेश तक हंगामा मचा तो प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से इन मनोनयनों को रिवर्ट करने के निर्देश के बाद भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश महामंत्री ने अमराराम को पूर्ववत काम करने का पत्र जारी कर दिया। इस पत्र के वायरल होते ही ये हंगामा मचने लगा कि सुरेश कोठारी ने पिक एंड चूज के अनुसार अपने स्तर पर ही ये आदेश जारी किए हैं। भाजपा महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष के बयान समाचार पत्र में आने के बाद तो ये हंगामा फिर से चेत गया।
सबगुरु न्यूज को प्रदेश सूत्रों से मोर्चों के प्रदेशाध्यक्षों और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के बीच हुई वार्ता के बारे में जो जानकारी मिली है उसके अनुसार तो सुरेश कोठारी के द्वारा 30 मई को जारी किए गए आदेश के अनुसार किए गए सभी मनोनयन प्रदेश से लिखित आदेश के बिना हुए हैं ऐसे मे ंपूर्ववर्त व्यवस्था ही यथावत रहने की स्थिति बनी हुई है। अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश सूत्रों के अनुसार अनुसूचित जाति मोर्चे के सिरोही जिलाध्यक्ष के पद के लिए भी सुरेश कोठारी के क्षेत्र के ही नारायण टिलियानी का नाम जोरों पर था। लेकिन, पेनल में सिंगल नाम होने के कारण अनुसूचित जाति मोर्चे के जिलाध्यक्ष का नाम उस समय जारी नहीं हा पाया था।भाजपा के युवा नेताओ के आक्रोश को दबाने के लिए युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष के मनोनयन के लिए तो आरएसएस के प्रमुख नेता की संस्तुति होने का दावा किया जा रहा है। जो कि अपना गला बचाने की कवायद से ज्यादा कुछ नजर नहीं आ रहा।