गणपति की शुभता का शिव की अनन्तता से  ‘समन्वय’

सबगुरु न्यूज-आबूरोड। मंगलकारी गणपति। ब्रह्मांड की अनन्तता को अपने में समाहित किए शिव।  इन दोनों के बीच सृष्टि के हर रंग का मल्टीकलर केनवास। कुछ ऐसा ही था सेंट जोन्स के रजत जयंति समारोह ‘समन्वय 2024’। जिसमे संस्थान के पिछले 25 साल में बीज से वटवृक्ष बनने  के प्रयासों की कहानी थी।
गणपति के आह्वान से शुरू हुए इस समारोह में सेंट जोन्स  के किंडरगार्डन की मासूमियत थी। तो जीवन की हर परीक्षा में परिणामों से हताश हुए बिना  ‘ऑल इज वेल’ बोलकर फिर से नए संघर्ष के लिए खड़े हो जाने की बच्चों की जिजीविषा भी। इसमें स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के सामाजिक ताने बाने को क्षत-विक्षत करके मानवीय संवेदनाओं को तार तार करने की चिंता थी। तो अपने पैरों पर खड़े हो जाने के बुजुर्गों के फरमान के साथ सेवेंटीज और एटिस की अल्हड़ता भी थी। महिला सशक्तिकरण के लिए विद्यालय की बालिकाओं की कृत संकल्पता और देश के लिए बच्चों का जज्बा भी था।इसमें राजस्थान के लोक रंग थे। गुजरात के नृत्य का गौरव था। दक्षिण भारत की सांस्कृतिक छटा भी थी।पंजाब के भांगड़े और गिद्दे की मस्ती थी। वहीं पश्चिम के रंग भी घुले थे।


विद्यालय की नींव के माध्यम से इसकी दरो दीवार की कहानी का अंदाजे बयान कुछ अलग था। विद्यालय के निदेशक के ए श्यामकुमार और प्राचार्य उमा श्याम के साथ विद्यालयों शिक्षकों ने बियावान में शुरू किए गए शिक्षा के सफर के कारवां बनने की दास्तां को थीम कोरियोग्राफी के माध्यम से प्रस्तुत की। इसमें एक मंजिला इमारत के बच्चों का भविष्य गढ़ने का शिल्पकेंद्र बनने तक के संघर्ष की गाथा बताई गई।

सफलता का अनंत भविष्य लिखने के लिए ‘समन्वय’ शिव की अनन्तता में एकाकार हुआ । इस कार्यक्रम का शो स्टॉपर था शिव के विभिन्न आयामों को दर्शाने वाला ये नृत्य। इस नृत्य में समाहित थे, भक्तों के आह्वान पर प्रसन्न हो जाने वाले भोले शिव। नटराज के रूप में नृत्य के उपासक शिव। ध्यान में मग्न महायोगी शिव। समुद्र मंथन से निकले हलाहल का पान करते कल्याणकारी शिव। गुस्से में धधकते विनाश का तांडव करते महारुद्र शिव।

मुख्य अतिथि केंद्रीय अरक्षित बल के आंतरिक सुरक्षा अकादमी के डीआईजी डी एस राठौड़ ने विद्यालय के 25 साल की इस यात्रा में सफलता के परचम लहराने के पीछे इसके संचालकों की मेहनत को सराहा। यही नहीं संस्थान संचालकों के संस्थान के शिक्षकों के साथ मंच पर एक टीम के रूप में प्रस्तुति को उन्होंने सराहा। उन्होंने विद्यालय स्टाफ की प्रस्तुति को विपरीत परिस्थिति को पार करने के लिए टीम लीडर और टीम में एक दूसरे के प्रति विश्वास की आवश्यकता के संस्कार का बीजारोपण विद्यालय के बच्चों में भी करने वाला बताया। इस दौरान मुख्य अतिथि और डॉ अम्बुजाक्षण ने संस्थान निदेशक के साथ विद्यालय के प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कृत कर उनकी हौसला अफजाई की।