सिरोही। चक्रवात बिपरजोय का सबसे ज्यादा प्रभाव राजस्थान और गुजरात सीमा पर सटे सिरोही जिले के माउंट आबू में नजर आ रहा है। यहां 15 जून की रात से शुक्रवार शाम तक रह रहकर तेज हवाओं के साथ बारिश चलती रही। जिला प्रशासन ने पहले से ही जिले में जिस तरह से लोगों को अलर्ट जारी किया उससे जान माल का नुकसान ना के बराबर हुआ साथ ही कहीं से भी बारिश और तूफान में लोगों के फंसने की कहीं सूचना नहीं है।
शुक्रवार को तेज हवा का दौर शुरू हुआ। इसके बाद रात करीब 8 बजे से बारिश होने लगी। बादल बरसने का सिलसिला अब तक जारी है। शनिवार सुबह 8 बजे समाप्त हुए 24 घंटों में 135 मिलीमीटर यानि करीब सवा पांच इंच बारिश रिकार्ड की गई। बारिश और हवा के कारण शुक्रवार सुबह से लेकर शनिवार सुबह तक एकाध घण्टे बिजली वितरण बहाल किया गया। इसके अलावा बिजली गुल रही।
मोबाइल नेटवर्क भी शुक्रवार शाम से ठप होने के बाद शनिवार करीब 11 बजे बहाल हो पाया। अनवरत बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया। जर्जर मकानों में पानी टपकने से लोगों के लिए रात काटनी मुश्किल हो गई। घरों में टपकते पानी की वजह से लोग इधर उधर पानी से बचने और सामान भीगने से बचाने के लिए आंखों में रात काटते रहे। कई जगह पेड़ भी टूटकर गिरे।
बिपरजोय के कारण कर दी थी छुट्टी
बिपरजोय का सबसे ज्यादा प्रभाव माउंट आबू में रहने की आशंका के कारण यहां पर शुक्रवार और शनिवार को स्कूलों का अवकाश घोषित कर दिया गया। पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को घरों से बाहर नहीं निकलने की चेतावनी जारी की गई। नौकायन बन्द कर दिया गया। नगर परिषद ने शुक्रवार को पेम्फलेट बंटवाकर लोगों को तूफान के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति आगाह किया।
गुरुवार शाम से ही आबूरोड माउंट आबू मार्ग पूरी तरह से सूना हो गया। यहां से पर्यटक पहले ही कूच करने लगे और शनिवार को ही बिपरजोय का प्रभाव सबसे ज्यादा रहने की पूर्व चेतावनी के कारण पर्यटक आए भी नहीं। आबूरोड-माउंट आबू मार्ग ओर वीरानगी छाई रही।
यहां हुई इतनी बारिश
सिरोही जिले के शेष इलाकों में भी शनिवार सुबह तक बिपरजोय का आंशिक असर दिखा। बादल छाए रहे। रह रहकर बारिश भी होती रही। शनिवार सुबह 8 ब्जे समाप्त हुई 24 घण्टे में सिरोही में 30 मिलीमीटर (मिमी), पिंडवाड़ा में 57.25 मिमी, आबूरोड में 38 शिवंगज में 15, देलदर में 65 और रेवदर में 68 मिमी बारिश दर्ज की गई।
ये रहे जिले में हालात
सिरोही कलेक्टर डॉ भंवरलाल ने सबगुरु न्यूज को बताया कि जिले भर में चक्रवात का प्रभाव रहा। लेकिन, सबसे ज्यादा प्रभावित माउंट आबू रहा। पेड़ और बिजली के खम्भे गिरने से माउंट आबू में बिजली व्यवस्था प्रभावित हुई, लेकिन इसे लगातार दुरुस्त करवाते हुए पुनर्बहाली की जाती रही। पूरे जिले में पेम्फलेट और लाउड स्पीकर के माध्यम से लगातार जागरूक किया गया।
उन्होंने बताया कि माउंट आबू के अलावा जिले के शेष इलाकों में करीब 50 के लगभग खम्भे गिरने की सूचना है। इनको लगातार रिस्टोर करवाया जा रहा है। माउंट आबू में अत्यधिक बारिश की वजह से कई नदियों में पानी आ गया है। जिसकी वजह से रपटों के दोनों तरफ एहतियातन कार्मिक तैनात कर दिये गए हैं। बिजली गिरने से दो भैंसे मरने की सूचना है।
कलेक्टर ने बताया कि आबूरोड की निचली बस्ती लूनियपुरा को पहले ही खाली करवा लिया गया था। बांधों के डूब में खेती करने वाले लोगों को हटवा लिया गया था। इसके अलावा सड़कों के किनारे कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वासित करवा लिया गया था।