तिरुवन्नामलाई (तमिलनाडु)। तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में बचाव कर्मियों ने 24 घंटे तक चले मैराथन अभियान और बारिश से जूझने के बाद सोमवार शाम को अन्नामलाईयार पहाड़ियों की निचली ढलान पर चक्रवात फेंगल के कारण भूस्खलन में दबे घर में फंसे एक परिवार के सभी सात सदस्यों के शव बरामद कर लिए।
यह घटना रविवार शाम को हुई जब चक्रवात फेंगल के कारण तिरुवन्नामलाई जिले में हुई भारी बारिश के बाद वीओसी नगर में 11वीं गली में स्थित एक घर भूस्खलन में दब गया।
भूस्खलन के बाद घर के अंदर सात लोग फंस गए जिनकी पहचान राजकुमार (32), पत्नी मीना (26) और उनके बच्चे गौतम (9) और इनिया (7), रिश्तेदार महा (12), विनोदिनी (14) और राम्या (12) के रूप में हुई है। उस क्षेत्र में कई घर और दोपहिया वाहन या तो क्षतिग्रस्त हो गए या आंशिक रूप से मलबे के नीचे दब गए।
पड़ोसियों द्वारा सतर्क किए जाने पर पुलिस और तमिलनाडु अग्निशमन और बचाव सेवा विभाग के कर्मियों वाली बचाव टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और फंसे हुए लोगों को बचाने का प्रयास किया। हालांकि लगातार भारी बारिश के कारण बचाव अभियान में बाधा आई।
बचाव दल ने संवाददाताओं को बताया कि घर पर गिरने वाले पत्थर का वजन लगभग 35 टन था और संकरी गली में कीचड़ और पत्थर भरे हुए थे जिससे बचाव कार्य और भी चुनौतीपूर्ण हो गया। सोमवार को दूसरे दिन भी बचाव कार्य जारी रहा। 30 सदस्यों और दो खोजी कुत्तों वाली एनडीआरएफ टीम के साथ-साथ तमिलनाडु अग्निशमन एवं बचाव सेवा के कर्मी भी अभियान में शामिल थे।
भूस्खलन में दबा घर पहाड़ी की तलहटी में स्थित एक संकरी गली में है इसलिए जेसीबी और उत्खनन मशीनों को घटनास्थल पर ले जाना काफी मुश्किल था। सुबह तक जारी बचाव अभियान सोमवार सुबह फिर से शुरू हुआ। अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, तमिलनाडु अग्निशमन एवं बचाव सेवा और पुलिस के कर्मी शामिल थे।
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन लगातार अभियान की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने चक्रवात प्रभावित विल्लुपुरम जिले में राहत सामग्री का निरीक्षण करने और वितरित करने के बाद कहा कि बचाव प्रयासों में सहायता के लिए आईआईटी-मद्रास के इंजीनियरों को भी तैनात किया गया था। चूंकि घर बड़े-बड़े बाउंड्री, कीचड़ और मलबे के नीचे दबा हुआ था इसलिए बड़ी मुश्किल से एक जेसीबी को काम पर लगाया गया। तमिलनाडु के लोक निर्माण मंत्री ईवीद वेलु और कलेक्टर डी.भास्कर पांडियन ने बचाव अभियान की निगरानी की।