पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री श्याम रजक ने आज अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
रजक ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को इस आशय के लिखे पत्र में कहा कि मैं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव एवं दल की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं। उन्होंने पत्र में शायराना अंदाज में परोक्ष रूप से इस्तीफा देने का कारण और अपनी पीड़ा बयान करते हुए कहा कि मैं शतरंज का शौकीन नहीं था इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था।
रजक के राजद छोड़ने के बाद से राजनीतिक गलियारे में उनके जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का दामन थामने की अटकलें तेज हो गई है। माना जा रहा है कि रजक अगले वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में फुलवारीशरीफ सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हाल ही में रजक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की है।
उल्लेखनीय है कि रजक के उद्योग मंत्री रहते ही अगस्त 2020 में जदयू ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। उन्हें वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद से टिकट मिलने का भरोसा था लेकिन महागठबंधन में सीटों के तालमेल के तहत फुलवारीशरीफ सीट भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के खाते में जाने से उन्हें निराशा हाथ लगी। इस चुनाव में भाकपा-माले ने गोपाल रविदास को प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जदयू उम्मीदवार अरुण मांझी को पराजित कर चुनाव जीत गए।
इसके बाद वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में रजक समस्तीपुर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन, महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के हिस्से में चली गई। इस तरह बार-बार निराशा हाथ लगने से रजक की राजद से दूरी बढ़ती चली गई और अंततः आज उन्होंने राजद से इस्तीफा दे दिया।