दरभंगा। बिहार में दरभंगा व्यवहार न्यायालय की एक अदालत ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के जुर्म में युवक को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपए अर्थ दंड देने की सजा सुनाई है।
पोक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पराजित ने बताया कि 15 मार्च 2020 को बहेड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव में 7/8 बजे सुबह में एक बच्ची घर में अकेली थी और परिवार के लोग खेत में काम करने गए थे। इसी दौरान मुकेश ने घर में प्रवेश कर बहला फुसला कर तथा शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
मौका मिलने पर हमेशा उसके साथ दुष्कर्म करता था। गर्भवती होने पर मन्दिर में शादी करने का बहाना बनाकर ले गया और स्प्राइट में दवा मिलाकर पिला दिया। जिससे बच्ची बेहोश हो गई। होश आने पर पीड़िती ने सारी बात अपने माता-पिता को बताई। जिसकी प्राथमिकी बहेड़ा थाना में प्राथमिकी संख्या -283/20 संस्थित कराई गई। मामले का विचारण जी आर केस संख्या 40/20 के तहत की गई।
पॉक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश प्रतिमा परिहार ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में बुधवार को बहेड़ा थाना क्षेत्र के मौजमपुर गांव निवासी मुकेश कुमार को बीस वर्ष की सश्रम कारावास और बीस हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। पीड़िता को राहत एवं पुनर्वास के लिए पांच लाख रुपए प्रतिकर का भुगतान जिला विधिक सेवा प्राधिकार दरभंगा के द्वारा दिये जाने का आदेश भी दी गई है।
पारिजात ने बताया कि पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत ने भारतीय दंड विधान की धारा 376 (2) (एन) में दस वर्षों की सश्रम कारावास और दस हजार रुपए अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा छह में बीस वर्षों की सश्रम कारावास और दस हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।