चेन्नई। प्राचीन सिंधु घाटी (आईवीसी) सभ्यता की खोज के शताब्दी वर्ष के अवसर पर एक बड़ी घोषणा करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि सिंधु लिपि को समझने वाले को दस लाख अमरीकी डॉलर का पुरस्कार दिया जाएगा।
स्टालिन ने राज्य पुरातत्व विभाग और चेन्नई स्थित रोजा मुथैया लाइब्रेरी के सिंधु अनुसंधान केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से किए जाने वाले आईवीसी अनुसंधान के लिए इरावतम महादेवन के सम्मान में एक चेयर की स्थापना के लिए 2 करोड़ रुपए के अनुदान की भी घोषणा की।
यहां एग्मोर म्यूजियम थिएटर में सर जॉन मार्शल द्वारा सिंधु घाटी सभ्यता (आईवीसी) की खोज की घोषणा के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि आईवीसी, जो कभी फली-फूली, वास्तव में एक तमिल सभ्यता थी और तमिल संस्कृति के साथ इसकी कई समानताएं हैं। उन्होंने कहा कि इसकी खोज के बाद से आईवीसी लेखन प्रणाली एक पहेली बनी हुई है।
स्टालिन ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में उपमहाद्वीप में कई सिंधु स्थलों की खुदाई की गई है। उन्होंने कहा कि आईवीसी की खोज के 100 साल बाद भी लिपि को सभी के लिए समझना बाकी है, हालांकि दुनिया भर में तमिल सॉफ्टवेयर पेशेवरों द्वारा लगातार प्रयास किए गए हैं।