सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में इंडक्शन प्रोग्राम
अजमेर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में मंगलवार को प्रथम वर्ष विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों के लिए दीक्षारंभ संस्कार व अभिभावक संवाद का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों को इंडक्शन प्रोग्राम के तहत महाविद्यालय के इतिहास एवं उपलब्धियों की जानकारी के साथ साथ महाविद्यालय में प्रदत्त विभिन्न प्रकार की सुविधाओं, कार्यक्रमों तथा शैक्षिक, सह शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर गतिविधियों व विज्ञान विषय में प्रयोगशालाओं की कार्य प्रणाली के बारे में बताया गया।
सफलता प्राप्ति का कोई शोर्टकट मेथर्ड नहीं : गुप्ता
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं उद्बोधक के रूप में प्रो नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि जीवन में सफलता का कोई शोर्टकट मेथर्ड नहीं होता। सकारात्मक भाव से एकाग्रह होकर लक्ष्य को निश्चित रखकर निरंतर श्रम करने से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने स्कूल शिक्षा के विद्यार्थी जीवन और कालेज शिक्षा के विद्यार्थी जीवन की भिन्नता को स्पष्ट करते हुए कहा कि यद्पि आपको महाविद्यालय में स्वतंत्रता ज्यादा प्राप्त है किंतु वहीं आपकी समाज के प्रति, स्वयं के प्रति, परिवार के प्रति और महाविद्यालय के प्रति जिम्मेदारी बढ जाती है। अत: सतत् रूप से अध्ययन करें। श्रम करते हुए सफलता को प्राप्त करें। स्वयं पर नियंत्रण के साथ हमें निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति की ओर आगे बढना है।
अपने भीतर छिपे हैं भविष्य निर्माण के कई मार्ग : बिस्सू
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आयुक्तालय कालेज शिक्षा के प्रतिनिधि प्रो सुशील कुमार बिस्सू ने बताया कि यह वह समय है जब आप अपने भीतर गंभीरता लाएंगे तो आपके भविष्य निर्माण के कई मार्ग खुलेंगे। प्राध्यापकों के संपर्क में आएंगे इससे अध्ययन में प्रतिदिन नवीनता आएगी। महाविद्यालय के विभिन्न संसाधनों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आपकी अनेक समस्याओं का समाधान नियमित रूप से कक्षाओं में आकर अपने विषय प्राध्यापक से संपर्क में रहने से हो जाएगा। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के दृष्टांत को दोहराते हुए कहा कि सपने हमेशा बडे देखने चाहिए जिससे व्यक्ति की श्रम क्षमता में वृद्धि होती है तथा व्यक्ति अधिकतम व्यस्त भी रहता है।
भारतीय परंपरा में शिक्षक ही महापुरुषों के रचनाकार : बहरवाल
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य मनोज कुमार बहरवाल ने चाणक्य का उदाहरण देते हुए बताया कि एक शिक्षक है जिसके गर्भ में सृजन एवं विनाश दोनों विद्यमान हैं। हमारी भारतीय परंपरा शिक्षकों के उस पद को सुशोभित करती है जिसने बहुत ही बडे बडे महापुरुषों को उत्पन्न किया। आप सभी महाविद्यालय के विद्यार्थी इस उत्कृष्ट महाविद्यालय में प्रवेश लेने के साथ ही अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण प्रारंभ कर चुके हैं। किंतु यह यात्रा केवल प्रारंभ की है समाप्ति की नहीं। इस यात्रा में विभिन्न प्रकार की समस्याएं आएंगी जिन्हें पार करते हुए हमें लक्ष्य को प्राप्त करना है।
विज्ञान व वाणिज्य संकाय के 800 विद्यार्थियों की भागीदारी
कार्यक्रम में प्रो लीलाधर सोनी ने महाविद्यालय के इतिहास एवं विभिन्नन प्रकार की सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर आईक्यूएसी समन्वयक प्रो विभिा खन्ना ने दीक्षारंभ विषय की महत्ता को समझाया और कालेज में विभिन्न संसाधन जैसे पुस्तकालय, लेंगवेज लैब, विभिन्न सांस्कृतिक एवं साहित्यिक प्रतियोगिता, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में करीब 800 विद्यार्थियों की भागीदारी रही। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। संचालय प्रो दिलीप गेना ने और धन्यवाद डा विजय कुमार ने ज्ञापित किया।