अजमेर। गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी हरिद्वार के व्याख्याता प्रो. पंडित लक्ष्मण शर्मा व दल ने सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक व कोटड़ा स्थित सिन्ध इतिहास व साहित्य शोध संस्थान अमरापुर सेवा घर का भ्रमण किया।
इस मौके पर शर्मा ने कहां कि सिन्धुपति महाराज दाहरसेन स्मारक को देखकर सिन्ध की सभ्यता, संस्कृति हमारे शूरवीर, सन्त महात्मा, हिंगलाज माता को देखकर मन को सकून मिला है। साहित्य शोध संस्थान में नई पीढ़ी को संस्कारों की जानकारी देने का काम महत्वपूर्ण है।
अजमेर मिनी सिन्ध के रूप में जाना जा रहा है। हमारे अन्तर्मन में सिंध बसा हुआ है। सिंध व वहां की संस्कृति, सिंध की वादियों को भारत में रहकर हमेशा याद करते हैं। सभी तहेदिल से चाहते हैं कि सिंध वापस मिलकर अखण्ड भारत बन जाए।
दिल्ली के भारतीय सिन्धु सभा के सेमिनार के दौरान महाराजा दाहरसेन के स्मारक की जानकारी मिली थी इसके बाद देखने की जिज्ञासा हमें यहां खींचकर ले आई। सेवा कार्यों में अमरापुर सेवा घर वृद्धाश्रम व प्रशिक्षण केन्द्र का भी भ्रमण किया।
इस अवसर पर पंडित योग्य देव वैदिक, टीकमराम शर्मा, दिल्ली, कनवरलाल पाण्डया, सच्चानंद, ओमी कुमार गुरनानी, कमल कुमार पारदासानी, पंडित रामेश्वर शर्मा, समारोह समिति से कंवल प्रकाश किशनानी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, शंकर बदलानी उपस्थित रहे।