नई दिल्ली। आबकारी घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में आप संयोजक एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को छठा समन भेजा जिसे नजरअंदाज करने पर सोमवार को जांच एजेंसी ने केजरीवाल के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज कराई।
ईडी ने छठी बार समन भेजकर आज केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया। ईडी इससे पहले भी पांच बार केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेज चुकी है। ईडी सूत्रों के अनुसार भारतीय दंड संहिता की धारा 174 के तहत दायर शिकायत में केजरीवाल को जारी किए गए शुरुआती तीन समन पर उन्हें जानबूझकर इसकी अवज्ञा करने का हवाला दिया गया है।
इस बीच, आप ने दोहराया कि केजरीवाल को भेजे गए समन गैर कानूनी थे। उन्होंने कहा कि मामला अदालत में है, इसलिए एजेंसी को केजरीवाल को बार-बार समन भेजने के बजाय अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
ईडी ने 14 फरवरी को केजरीवाल को छठा समन जारी किया था और उन्हें आज पेश होने का निर्देश दिया गया था। इससे पहले 17 फरवरी को राउज एवेन्यू अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को 16 मार्च तक ईडी के समन पर अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी थी।
अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये पेश होने के दौरान केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली विधानसभा में चल रही अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और एक मार्च को समाप्त होने वाले बजट सत्र के कारण वह व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश नहीं हो सके। केजरीवाल ने आश्वासन दिया कि वह एक मार्च के बाद उपलब्ध रहेंगे।
आप प्रमुख इससे पहले भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के ओर से भेजे गए पांच समन पर अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए थे। ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इससे पहले दो फरवरी, 18 जनवरी, तीन जनवरी, 22 दिसंबर 2023 और दो नवंबर 2023 को समन भेजा था, लेकिन केजरीवाल एक बार फिर ईडी के दफ्तर नहीं पहुंचे थे।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल जिस समन को गैर-कानूनी बता रहे हैं, उसे आईपीसी की धारा 174 के तहत अदालत ने माना है कि समन सही है। उन्होंने कहा कि समन को अवैध बताना अदालत की अवमानना है। केजरीवाल द्वारा किया गया भ्रष्टाचार जल्द ही जनता के सामने आ जाएगा।