जबरन मुख्यमंत्री आवास खाली कराया गया : मुख्यमंत्री कार्यालय

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर मुख्यमंत्री आतिशी का सामान उनके आधिकारिक आवास से जबरन बाहर निकाल दिया गया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने आज एक आधिकारिक बयान जारी कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना का इरादा मुख्यमंत्री आवास को भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े नेता को आवंटित करने का है। दिल्ली की सत्ता से 27 साल दूर रहने के बाद भाजपा का यह हताशापूर्ण प्रयास मुख्यमंत्री आवास पर अवैध रूप से कब्ज़ा करने की साजिश का एक हिस्सा है।

वहीं, आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि उपराज्यपाल को समझना होगा कि मुख्यमंत्री आवास में रहने के लिए जरूरी है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव जीतना होगा। पिछले 27 साल से भाजपा दिल्ली में चुनाव नहीं जीत पा रही है। इसलिए भाजपा हर संभव प्रयास कर रही है कि किसी भी तरह जनता द्वारा चुनी हुई सरकार की शक्तियां छीनी जाए, दिल्लीवालों को परेशान किया जाए और चुनी हुई दिल्ली सरकार के काम रोके जाएं।

कक्कड़ ने कहा कि भाजपा की महिला विरोधी मानसिकता एक बार फिर दिल्ली और देश की जनता के सामने आ गई है। भाजपा ने नवरात्र के दौरान एक महिला मुख्यमंत्री का सामान सरकारी आवास से बाहर करा दिया। इससे पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा से झूठ का सहारा लिया है और वह बेहद झूठी पार्टी है। बीते 4 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री ने बकायदा आवास की चाबियां सौंपी थी। उसके बाद नियमानुसार कार्रवाई हुई और सारी प्रक्रिया का पालन किया गया। एक चुना हुआ मुख्यमंत्री, तो मुख्यमंत्री आवास में ही रहेगा। अगर उपराज्यपाल चाहते हैं कि भाजपा का कोई नेता मुख्यमंत्री आवास में रहे, तो चुनाव लड़कर जीते और मुख्यमंत्री बनकर उसमें रह सकता है।

केजरीवाल के आवास के बुनियादी ढांचे का ऑडिट कराने की मांग

चांदनी चौक से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शीशमहल के नाम से चर्चित सरकारी आवास के बुनियादी ढांचे का ऑडिट कराने की मांग की है। खंडेलवाल ने बुधवार को आरोप लगाया कि जनता के पैसों का बेहिसाब इस्तेमाल किया गया है और यह जानना बेहद जरूरी है कि किस प्रकार से सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है।

उन्होंने कहा कि जनता के कर से जमा की गई राशि का उपयोग जनता की भलाई और विकास के लिए होना चाहिए, किसी एक व्यक्ति के विलासिता पूर्ण जीवन के लिए नहीं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि केजरीवाल के नेतृत्व में एक सरकारी आवास को अत्यधिक खर्च करके ‘शीशमहल’ में तब्दील कर दिया गया। इसके बुनियादी ढांचे का ऑडिट कराना आवश्यक है, ताकि यह साफ हो सके कि इस परियोजना में किस हद तक अनियमितताएं हुई हैं और जनता के पैसों का किस तरह दुरुपयोग हुआ है।

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ एक व्यक्ति से संबंधित नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही का सवाल है। उन्होंने सक्सेना से इस मामले की विस्तृत जांच कराने और ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की माँग की, ताकि दिल्ली की जनता को वास्तविकता का पता चल सके।

खंडेलवाल ने कहा कि यह जनता के पैसों की बर्बादी का एक ज्वलंत उदाहरण है।केजरीवाल सरकार ने जिस प्रकार से एक साधारण सरकारी आवास को करोड़ों रुपए खर्च कर ‘शीशमहल’ में तब्दील किया है, वह जनता के साथ विश्वासघात है। यह दिखाता है कि जनता के पैसों का किस हद तक दुरुपयोग किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि इस बर्बादी के खेल को अनदेखा नहीं किया जा सकता और जल्द ही इसका खुलासा होना चाहिए। जनता को यह जानने का हक है कि उनके मेहनत की कमाई का उपयोग कैसे किया जा रहा है।