जयपुर के दिल्‍ली पब्लिक स्‍कूल का नाम अब आधिकारिक रूप से धारव हाई स्‍कूल

जयपुर। दिल्‍ली पब्लिक स्‍कूल (डीपीएस) जयपुर अब आगामी अकादमिक वर्ष 2025-26 से धारव हाई स्‍कूल के नाम से जाना एवं पहचाना जाएगा। डीपीएस जयपुर ने इस अकादमिक वर्ष से अपना आधिकारिक नाम बदलकर धारव हाई स्‍कूल कर दिया है।

डीपीएस इंटरनेशनल गुरुग्राम और धारव हाई स्‍कूल की डायरेक्‍टर अदिति मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि डीपीएस जयपुर का केवल नाम बदला गया हैं और नाम बदलने के पीछे कोई और मंशा नहीं हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में बच्चों को अच्छी एवं बेहतर शिक्षा का प्रयास किया जा रहा है और आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नाम बदलने के साथ स्कूल में शिक्षकों सहित स्टाफ में कोई परिवर्तन नहीं होगा। सभी मिलकर स्कूल को और ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास किए जाएंगे ताकि लोग अपने बच्चों को इसमें पढ़ाने के लिए और अधिक आकर्षित हो सके।

उन्होंने कहा कि स्‍कूल का नाम बदलना महज प्रतीकात्‍मक नहीं है अपितु रचनात्मकता, नेतृत्व और सामुदायिक सेवा को बढ़ावा देने वाली शिक्षा के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि है। यह नई पहचान ऐसे सर्वांगीण युवाओं को आकार देने के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाती है जो न केवल शैक्षणिक रूप से निपुण हों, बल्कि दयालु, जिम्मेदार और सर्वांगीण व्यक्तित्व वाले भी हों।

धारव हाई स्‍कूल की प्रिंसिपल सीमा सहजपाल ने कहा कि धारव हाई स्‍कूल ऐसे वातावरण का निर्माण करने के लिए समर्पित है जहां विद्यार्थी ऐसे उपकरणों से सुसज्जित हैं जो उनको न केवल अकादमिक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करते हैं बल्कि उन्हें सहानुभूति, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी की गहरी भावना के साथ जिम्मेदार व्यक्तियों के रूप में विकसित करते हैं। यह समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि हमारे विद्यार्थी न केवल पढ़ाई में कामयाब हो बल्कि दयालु नेता के रूप में भी विकसित हो ताकि समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।

नाम बदलने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍टता और समग्र विकास की दिशा में संकल्‍प का यह एक नया अध्‍याय शुरू हो रहा है। जयपुर के भांकरोटा में स्थित यह स्‍कूल ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं को तराशने के लिए प्रतिबद्ध है जो दयाभाव रखने वाले जिम्‍मेदार वैश्विक नागरिक हैं और दुनिया पर एक सार्थक प्रभाव छोड़ने के लिए तैयार हैं।

डीपीएस जयपुर लंबे समय से इस क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित सीबीएसई संस्‍थान के रूप में जाना जाता है और शिक्षा के क्षेत्र में अपने अभिनव दृष्टिकोण के लिए विख्‍यात है। स्‍कूल का नया नाम धारव हाई स्‍कूल शिक्षा के क्षेत्र में भविष्‍य की जरूरतों के अनुसार आगे बढ़ने के स्‍कूल के विजन के साथ ही बच्‍चों में रचनात्‍मकता, नेतृत्‍व और जिम्‍मेदारी का भाव पैदा करने के लिए अपने लोकाचार के प्रति ईमानदार बने रहने का प्रतीक है।

स्‍कूल का नया नाम स्‍कूल के उस विजन को दर्शाता है कि भविष्‍य की जरूरतों के मुताबिक आगे बढ़ते हुए भी युवाओं में रचनात्‍मकता, लीडरशिप और जिम्‍मेदारी का भाव गहराई से विकसित करते हुए भी अपने स्‍वभाव के प्रति ईमानदार बने रहना है।

बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के मार्गदर्शन में स्‍कूल विद्यार्थियों में बौद्धिक विकास, जिज्ञासा और सहानुभूति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए सुरक्षित और पोषक वातावरण प्रदान करना है जिसमें स्‍टूडेंट्स का बेहतर विकास हो। स्‍कूल के प्रमुख लक्ष्‍यों में ऐसा अनुकूल वातावरण मुहैया कराना है जिसमें स्‍टूडेंट्स को तकनीक, इनोवेशन और विविधता को अपनाकर स्‍वतंत्रता रूप से सीखने, क्रिटिकल थिंकिंग और उत्‍कृष्‍टता को प्रेरित करते हुए उपलब्धियों का जश्‍न मनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। स्‍कूल स्‍टूडेंट्स और स्‍टाफ दोनों के लिए सुरक्षित और सहयोगात्‍मक वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

धारव हाई स्‍कूल में एकेडमिक एक्‍सीलेंस के साथ ही स्‍टूडेंट्स के लिए खेलों और समग्र विकास पर भी पूरा जोर दिया जाता है और स्‍कूल की प्रकृति की आधारशिला देवयानी जयपुरिया स्‍पोर्ट्स एकेडमी है, विभिन्‍न खेलों के लिए अत्‍याधुनिक सुविधाएं और एक्‍सपर्ट कोचिंग मुहैया कराती है। यह एकेडमी स्‍टूडेंट्स को अकादमिक और खेल दोनों क्षेत्रों में आगे बढ़ने के अवसर उपलब्‍ध कराती जो उनको ऐसे भविष्‍य के लिए तैयार करती है जिसमें समग्र विकास और लचीलापन बहुत जरूरी है।

इस मौके धारव हाई स्‍कूल की चेयरपर्सन, डीपीएस इंटरनेशनल गुरुग्राम, डीपीएस गुरुग्राम और जयपुर की प्रोवाइस चेयरपर्सन देवयानी जयपुरिया का कहना है कि शिक्षा का मतलब केवल ज्ञान देना नहीं है। यह भावी पीढि़यों को अभिनव, दयालु और जिम्‍मेदार बनाना भी है। धारव हाई स्‍कूल में हम ऐसे लीडर्स तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो समाज पर दूरगामी प्रभाव छोड़ेंगे। धारव हाई स्‍कूल के रूप में हमारी नई पहचान इस विजन को दर्शाती है जहां हम विद्यार्थियों को न केवल अकादमिक रूप से दक्ष बनाने हैं बल्कि वैश्विक दुनिया में आगे बढ़ने के लिए जरूरी कौशल और मूल्‍यों से भी सींचते हैं।