साढ़े सात साल बाद डेरा प्रमुख पेरोल पर पहुंचे सिरसा, 37 स्थानों पर नाकेबंदी

सिरसा। हरियाणा में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह साढ़े सात साल के लंबे अंतराल के बाद मंगलवार तड़के सुनारिया जेल से 30 दिन की पेरोल मिलने के बाद डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय पहुंचे।

कड़ी सुरक्षा के बीच उनके डेरा में पहुंचने के बाद डेरा क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। डेरा सच्चा सौदा रोड से गुजरने वाले हर वाहन व डेरा परिसर में घुसने वाले हर व्यक्ति की तलाशी ली जा रही है।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी उत्तम को सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। दो डीएसपी व 10 इंस्पेक्टर के अलावा अन्य पुलिस बल तैनात किया गया है। डेरा को जाने वाले विभिन्न मार्गों पर 37 नाके स्थापित किए गए हैं। केन्द्र व राज्य सरकार की खुफिया एजेंसियों के प्रतिनिधि हर ओर नजर गड़ाए हुए हैं।

डेरा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर डेरा में भीड़ के एकत्रित होने से मना किया है। बावजूद इसके हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों से डेरा सच्चा सौदा से जुड़े अनुयायी सिरसा पहुंचने शुरू हो गए हैं। अनुयायी डेरा परिसर के बाहर बैठकर मिलने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि डेरा सच्चा सौदा के मुख्य प्रवेश द्वार पर पुलिस बल व डेरा के प्रबंधन मंडल के सदस्यों की तैनाती की गई है। डेरा अनुयायी डेरा सच्चा सौदा के मुख्य द्वार के सामने पटाखे फोड़ नाच गाकर खुशी मना रहे हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत को मिली पेरोल की राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव के समय अक्तूबर 2024 में पेरोल मिली थी। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को अब 12 वीं बार पेरोल मिली है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख वर्ष 2017 से सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति व साध्वी यौन शोषण में सजा भुगत रहे हैं।

डेरा सच्चा सौदा के मुख्य द्वार के बाहर परिवार सहित पहुंची ऊषा इंसा ने बताया कि डेरा प्रमुख के सिरसा पहुंचने का ज्यों ही पता लगा उनसे रहा नहीं गया। उनको इतनी खुशी हुई की वह परिवार सहित डेरा की तरफ चली आई।

पिताजी के बिना बिल्कुल भी जी नहीं लग रहा। ऐसा मन कर रहा है कि जाकर कूदकर पिता जी के दर्शन कर लूं। हम बता नहीं सकते हैं के इतनी खुशी हुई है, हम तड़प रहे थे। आज ऐसा लग रहा है हर चीज मुस्करा रही है हर चीज हंस रही है, जैसे पतझड़ के बाद बहार आ गई है। भगवान से दुआ करते हैं कि हमारे पिता जी परमानेंट यहां आ जाए। यही रहे हमारी यही अरदास है बस हमें छोड़कर न जाए।

एसजीपीसी ने डेरा प्रमुख को दोबारा पैरोल दिए जाने पर जताई कड़ी आपत्ति

अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने हत्या और बलात्कार के गंभीर आरोपों में जेल में सजा काट रहे डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोबारा पैरोल देने के सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है।

एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि यह फैसला सरकार के दोहरे रवैये को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार राजनीतिक फायदे के लिए राम रहीम को बार-बार फरलो व पैरोल देती है, जबकि देश की विभिन्न जेलों में तीन दशक से बंद सिखों को सजा पूरी होने और शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद भी उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा है। बलवंत सिंह राजोआना की माफी पर निर्णय लेने के लिए सरकार को न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश के बावजूद भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है।

एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पहले ही राजनीतिक लाभ के लिए राम रहीम के जघन्य अपराधों पर आंखें मूंदकर उसे चुनावों के दौरान फरलो और पैरोल दे दी थी और अब फिर से दिल्ली विधानसभा और हरियाणा नगर निगम चुनावों में राजनीतिक लाभ के लिए उसे बाहर निकाला गया है। जेल की सजा, जो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार की ऐसी नीतियों से सिखों में अलगाव की भावना पैदा हो रही है। अधिवक्ता धामी ने मांग की कि राम रहीम की पैरोल तुरंत रद्द की जाए और उसे वापस जेल भेजा जाए।