सबगुरु न्यूज-सरूपगंज (परीक्षित मिश्रा)। भाजपा की दूसरी सूची में पिण्डवाड़ा आबू विधानसभा क्षेत्र से सामराम गरासिया को प्रत्याशी घोषित किया है। उनके नाम की घोषणा के बाद बुधवार को वो अपने विधानसभा क्षेत्र में देवदर्शन यात्रा के साथ लोगों के बीच से निकले।
उन्होने अपनी दवदर्शन यात्रा की शुरूआत वरली के गोपेश्वर महादेव मंदिर से शुरू की। इसके बाद पिण्डवाड़ा के शक्तिमाता मंदिर, अजारी के मार्कुंडेश्वर मंदिर, सरूपगंज के रामेश्वर मंदिर, एकलिंग महादेव मंदिर, भुजेला के हनुमान मंदिर और तलेटी के मुखरी माता मंदिर में दर्शन किये।
-सरूपगंज में फीका, कारोली पर बढिय़ा स्वागत
पिण्डवाड़ा आबू विधानसभा की राजनीतिक गतिविधि की धडक़ने सरूपगंज से चलती हैं। कहने को यहां पर पिण्डवाड़ा और माउण्ट आबू जैसे शहरी क्षेत्र हैं लेकिन, इस विधानसभा की सबसे बड़ी पंचायत समिति भावरी की मुख्यालय सरूपगंज ग्रामीण और शहरी इलाकों का फ्यूजन होने के कारण यहां की राजनीतिक धडक़नें यहीं सबसे तेज दिखती है।
समाराम गरासिया इस कस्बे के मुख्य मार्ग से निकले लेकिन, उनके प्रति लोगों का उतना उत्साह नहीं दिखा जैसा विधायक के प्रति दिखना चाहिए। यही नहीं इस कस्बे के पैट्रोल पम्प चौराहे पर खड़े ढोल वालों को घेरे दजर्न भर लोग ये बता रहे थे कि यहां उनके स्वागत के लिए कोई उत्साह नहीं है। लेकिन, विधानसभा के अंतिम मैदानी कोने कारोली में, जिसे की तलेटी कहा जाता है, वहां पर उनका अच्छा स्वागत किया गया।
वहां पर फूल बरसाए गए। मालाओं से लादा गया। उनके निकलने के बाद तलेटी तिराहे पर गाडिय़ों से कुचले हुए फूलों के ढेर सरूपगंज के पेट्रोल पम्प चौराहे पर बिल्कुल भी नहीं दिखे। खुद समाराम गरासिया का ट्विटर हेंडल बता रहा है कि तलेटी जैसा स्वागत उनका कहीं नहीं हुआ। क्योंकि इतने गांवों से निकलने के बाद भी उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर सिर्फ तलेटी की ही फोटो और वीडियो पोस्ट किए हैं।
– ऐसा त्याग नहीं करेगा कोई विधायक
मुखरी माता के दर्शन के बाद तलेटी माउण्ट आबू मार्ग पर मुखरी माता मंदिर के प्रवेश द्वार के पास जो नजारा दिखा वो शायद ही किसी विधायक के साथ दिखे। उनके विरोधी आरोप लगाते हैं कि वो विधानसभा सीट के लिए अपना मोह नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन, इस जगह पर उनका सीट के प्रति मोह नहीं दिखा।
सारा काफिला निकलने के बाद समाराम गरासिया की कार थी। यहां पर माउण्ट आबू के मंडल अध्यक्ष टेकचंद भंबानी आदि खड़े थे। उन्हें देख समाराम गरासिया उतरे शिष्टता से मिले। इस दौरान उनकी कार की चालक सीट पर पिण्डवाड़ा का एक जनप्रतिनधि और चालक के पास की सीट पर एक अन्य युवक बैठा था। पांच सीटर कार में छह लोगों को बैठना था। विधायक आगे की सीट को मोह त्यागकर पीछे बैठे।
पीछे क्योंकि विधायक और उनके तीन करीबियों के साथ चार लोग बैठे थे तो समाराम गरासिया शेष तीन की सहूलियत के लिए कार की पिछली सीट पर पीठ के सहारे का मोह त्यागकर आगे खिसक कर लटकते हुए बैठे। ये शायद ही कोई विधायक करता नजर आए। अव्वल तो वो आगे की सीट छोडक़र पीछे बैठेंगे नहीं और बैठेंगे भी तो तीन की सीट पर चार लोगों को बैठाकर खुद आगे लटकते हुए बैठने की तकलीफ तो कभी भी नहीं उठाएगा।