जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का समन्वय कर उनके जरिए निरोगी राजस्थान के लिए कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा है कि यूनानी चिकित्सा पद्धति को आधुनिक आवश्यकताओं के संदर्भ में विकसित करने और असाध्य रोगों के निदान में इसकी व्यावहारिकता पर कार्य किए जाने की जरुरत है।
मिश्र सोमवार को कॉलेज ऑफ यूनानी, टोंक परिसर में नवनिर्मित निर्मित महिला छात्रावास के उद्घाटन समारोह और एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ पर ऑनलाइन जयपुर से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर यूनानी चिकित्सा पद्धति के महान विद्वान हाकिम अजमल खान को स्मरण करते हुए उनके कार्यों को आगे बढ़ाने का भी आह्वान किया।
राज्यपाल ने यूनानी चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत हो रहे रोग निदान के कार्यों की व्यावहारिकता को परखते हुए यूनानी चिकित्सा के तहत असाध्य रोगों में इसके उपयोग पर भी कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने यूनानी चिकित्सा पद्धति से महिला और बाल स्वास्थ्य के साथ पोषण लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की बड़ी आबादी को इसके सहज सुलभ कराए जाने पर भी जोर दिया।
मिश्र ने यूनानी चिकित्सा पद्धति का भारतीय आयुर्वेद और एलोपैथी चिकित्सा पद्धतियों का समन्वय कर निरोग राजस्थान के लिए कार्य किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने इस पद्धति के जरिए विकसित भारत-2047 के स्वास्थ्य लक्ष्यों पर भी कार्य करने का आह्वान किया।
इससे पहले उन्होंने टोंक में कॉलेज ऑफ यूनानी के महिला छात्रावास का ऑनलाइन लोकार्पण किया। राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति ने यूनानी चिकित्सा के तहत हो रहे कार्यों के बारे में बताया।