अयोध्या में उमड़ा आस्था का सैलाब,सड़कों पर तिल रखने की जगह नहीं

अयोध्या। महाकुंभ के दौरान भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामभक्तों के सैलाब से सड़कें पट चुकी है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में रामभक्त अयोध्या में देखे जा रहे हैं।

अयोध्या में करीब बीस से तीस लाख श्रद्धालु हर रोज श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का दर्शन और प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी में जाकर मत्था टेक रहे हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जो व्यवस्था की है उसमें लाइन लगा करके दर्शन कराए जा रहे हैं और श्रद्धालुओं की यह कतार तीन चार किलोमीटर लम्बी देखने को मिल रही है। इसी तरह प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में श्रद्धालुओं को पांच किलोमीटर लम्बी लाइन लगा करके दर्शन कराया जा रहा है।

इन सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से दर्शन कराया जा रहा है और साथ ही यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े। अयोध्या-फैजाबाद के चारों तरफ श्रद्धालु ही दिखाई पड़ रहे हैं। सारे होटल, रैन बसेरा, धर्मशाला, यात्री विश्राम गृह, होम स्टे सब सारे फुल हो गए हैं। कहीं पर श्रद्धालुओं को रुकने की जगह नहीं मिल रही है लेकिन खाली होने के बाद तुरन्त रुकने के लिए जगह मिल जा रही है। कहने का अर्थ यह है कि आवागमन बराबर जारी है।

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने सोमवार को कहा कि अयोध्या की सड़कों पर इतनी भीड़ उन्होंने आज तक नहीं देखी। देश के कोने कोने से श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान के बाद अयोध्या पहुंच रहे हैं। टूरिस्ट बसों और कारों के चलते अयोध्या में चारों ओर जाम की समस्या है। महाकुम्भ का स्नान करने के बाद हर कोई अयोध्या में रामलला का दर्शन तथा प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन करना नहीं भूल रहा है।

आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि 26 जनवरी को जब वह अपने निवास से मंदिर के लिए निकले तो जाम में फंस जाने के बाद उन्हें घर वापस आना पड़ा। भीड़ को देखते हुए 27 और 28 जनवरी को भी वह मंदिर नहीं जा सकेंगे। मंदिर में उनके सहयोगी पुजारी रामलला का पूजा-पाठ कर रहे हैं। इतनी भीड़ होने के बावजूद भी प्रशासन सतर्क है। स्कूल बंद कर दिए गए हैं क्योंकि अयोध्या से फैजाबाद का आगमन पूरी तरह से गाडिय़ों से ठप हो गया है। पैदल कहीं जाना है तो जा सकते हैं लेकिन अपने चार पहिया गाडिय़ों से चलना मुश्किल है।

अयोध्या मण्डलायुक्त गौरव दयाल, अयोध्या रेंज आईजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी अयोध्या चन्द्रविजय सिंह, पुलिस अधीक्षक राजकरण नैय्यर ने पूरी व्यवस्था संभाल रखी है। साथ ही साथ छोटे-बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को निगरानी करते हुए उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद भी ज्ञापित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि महाकुंभ से जो भी श्रद्धालु आ रहे हैं उनके लिए बाईपास से ले करके सभी जगह बैरीकेडिंग करके व्यवस्था अच्छी बनाई गई है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।

29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन सरयू घाट पर भी व्यवस्था चकाचौंध रहेगी क्योंकि उस दिन श्रद्धालुओं की भीड़ सरयू में स्नान करने के बाद रामलला और प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर का दर्शन जरूर करेंगे, साथ ही साथ यह भी ध्यान रखा गया है कि कुंभ मेला से लोग स्नान करने के बाद हो सकता है सरयू में भी स्नान श्रद्धालु करें। इसको भी ध्यान रखते हुए व्यवस्था बनाई गई है। पूरे क्षेत्र में लाउड स्पीकर लगा करके खोया-पाया कैम्प लगाया गया है और बिछड़े हुए लोगों को मिलाया भी जा रहा है।

प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी पूरे क्षेत्र में लगा दी गई है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है। आलम यह है कि शहर के बाईपास से लेकर अयोध्या की गलियों तक लम्बा जाम लगा हुआ है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से स्थानीय लोगों को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने रूट डायवर्ट करते हुए जगह-जगह बैरीकेडिंग की है और कई रास्ते बंद किये हैं। जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों को भी ज्यादा परेशानी हो रही है।

इस बीच विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपरान्त अयोध्या धाम आने वाले भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि इन दिनों प्रयाग में चल रहे महाकुंभ स्नान में आने वाले भक्तों की संख्या सर्वाधिक अयोध्या आ रही है। रामलला के प्रति जनसैलाब उमड़ रहा है। ये उन लोगों के लिए भक्तों का संदेश है जिन्हें राम काल्पनिक दिखते हैं। आस्था, भक्ति का संदेश लाखों भक्तों की उपस्थिति में दिख रहा है।

विहिप प्रवक्ता ने बताया कि अयोध्या में रोजगार की बढ़ोत इस बात की साक्षी है कि रामलला के भक्तों में अपने आराध्य के प्रति आस्था और विश्वास किस तरह बढ़ा है यह देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 मे प्राण प्रतिष्ठा में जो लोग नहीं आ पाए ऐसे लोगों की संख्या लाखों में है। आज श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उनके दर्शन को अपनी व्यवस्था से अनुकूल बना रहा है। लोगों को सुलभता से दर्शन हो जाय इसके लिये ट्रस्ट हर तरह से लगा है। उन्होंने बताया कि आगामी चार फरवरी तक अयोध्या में श्रद्धालुओं के आने का तांता लगे रहने की उम्मीद है।