सिरोही भाजपा में छिडी रार, नियम-कायदे हुए बेकार!

सिरोही जिला भाजपा के 14 मंडल अध्यक्षों की घोषणा के बाद संगठन पर्व पदाधिकारियों के साथ नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा के 23 में से 14 मंडल अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई है। इसके बाद जिले से उन मंडलों में आपसी खींचतान शुरू हो गई है। रेवदर के बाद सिरोही के मंडल अध्यक्ष के विरोध में भाजपाई लामबंद हुए थे। उन्होंने सिरोही के मंडल अध्यक्ष को हटाकर उनके द्वारा सहामति से जताकर बताए गए व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष बनाने का पत्र लिखा। लेकिन, ये लोग जिस नाम को लेकर सहमति जता रहे थे उसे देखते हुए तो यही लग रहा है कि ये कहने को संगठन के कार्यकर्ता जरूर हैं, लेकिन सांगठनिक नियमों में किए जाने वाले बदलावों से नहीं।
– सिरोही में इसलिए विरोधप्र

प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए 2014 में जो नियम लाया गया था वैसा ही नियम अब निचले स्तर तक ला दिया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और राजस्थान प्रभारी राधामोहनदास अग्रवाल एक सप्ताह पहले ही ये घोषणा कर चुके हैं कि मंडल अध्यक्ष पद पर 35 से 45 वर्ष की आयु के लोग ही नियुक्त किए जाएंगे। वहीं ये भी नियम उन्होंने बता दिया था कि मंडल, जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर उन लोगों को नियुक्त नहीं किया जाएगा जो एक बार इस पद पर रह चुके हैं।

सिरोही में मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति पर कतारबद्ध कई भाजपा नेताओं ने आपत्ति दर्ज करवाई। उनका कहना था कि उन्होंने एक नाम पर सहमति बनाकर प्रदेश संगठन को बताया था। इन लोगों ने सिरोही मंडल में भाजपा के नगर अध्यक्ष की नियुक्ति में बूथ अध्यक्षों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। नाराज कार्यकर्ताओं ने इसके अनुसार मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की सूची को ही अवैध ठहरा दिया। पत्रकार वार्ता करके भाजपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि मंत्री से मिलकर उन लोगों ने महेंद्र माली को फिर से रिपीट करने या जितेंद्र खत्री, महेंद्र माली आदि में से किसी को भी अध्यक्ष बनाने की बात भी रखी थी। इन लोगों ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष,महामंत्री आदि वरिष्ठ पदाधिकारियों ने दो दो आदमी बांट दिया और उन्हें ही चुन लिया।

सिरोही में जिस नाम को लेकर कार्यकर्ता आम सहमति की बात कर रहे थे वो नाम था महेन्द्र माली का। मंडल अध्यक्षों की घोषणा से पहले महेन्द्र माली ही सिरोही मंडल के अध्यक्ष थे। ऐसे मे नए नियमों के अनुसार तो वो किसी सूरत में फिर से मंडल अध्यक्ष नहीं बन सकते हैं। ऐसे में उनके नाम पर सहमति होने की बात कहने वाले भाजपा नेता या तो संगठन के नियमों से अपडेट नहीं हैं या महेन्द्र माली की कोहनी पर गुड लगाने का काम कर रहे हैं। अभी मामला कुछ ठंडा हुआ है लेकिन, रह रह कर ये फिर से उठने की संभावना है।

-आबूरोड मे ये दावे
आबूरोड नगर मंडल में मनीष सिंहल को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यहां के कई नेता उम्र के कारण बाहर हो गए। इसे लेकर भाजपा में असंतोष है। असंतुष्ट कार्यकर्ताओं का दावा है कि आबूरोड में मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सक्रिय सदस्यता के नियम का उल्लंघन किया गया है। आबूरोड भाजपा नेताओं का आरोप है कि सक्रिय सदस्य बनने के लिए किसी भी सदस्य को सौ प्रारंभिक सदस्य अपनी आईडी से बनाने होते हैं। ऐसा नहीं किया गया। यही नहीं दावा ये भी किया जा रहा है कि मंडल अध्यक्ष बनाने के लिए बूथ अध्यक्षों की सहमति की आवश्यकता थी, ये भी नहीं किया गया है। आगामी नगर पालिका चुनावों को देखते हुए भाजपा ने यहां पर जातीय गणित साधने की कोशिश की है। लेकिन, इस पर भी असंतुष्ट धडे की ये दलील थी कि इसी जाति के भाजपा के दूसरे नेताओं को भी मौका दिया जाना चाहिए था, जो कि सक्रिय सदस्य हैं। विवाद तब और ज्यादा बढा जब मनीष सिंहल का भाजपा नगर मंडल के बैनर तले स्वागत किया गया। पार्टी नेताओं का कहना था कि संगठन का कार्यक्रम था, इसमें संगठन जनप्रतिनिधि मंच पर बैठते तो प्रोटोकॉल के तहत था। लेकिन, समाज के अध्यक्ष के रूप में नेमीचंद अग्रवाल को मंच पर बैठाया तो फिर उसी कार्यक्रम में बैठे दूसरे समाज के अध्यक्षों को मंच पर क्यों नहीं बैठाया।

उनकी ये भी दलील है कि यदि प्राटोकॉल के तहत मोचे के राज्य प्रभारी होने के नाते सुरेश सिंदल को मंच पर बैठाया तो फिर जिला संगठन मंत्री और महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष को को वहां स्थान क्यों नहीं दिया गया। कुल मिलाकर नियुक्ति से लेकर सम्मान तक में पसंद नापसंद के अनुसार लोगों को अपेक्षित और उपेक्षित करने को लेकर भी यहां रोष पनप रहा है।
-उम्र की कैपिंग उल्लंघन का कई जगह आरोप
संगठन पर्व की जिम्मेदारी संभालने वालों से पर भाजपा संगठन के असंतुष्ट लोगों ने जो आरोप लगाए हैं वो उम्र को लेकर सबसे ज्यादा हैं। रेवदर विधानसभा के नव नियुक्त मंडल अध्यक्ष की भी उम्र निर्धारित मापदण्ड में नहीं होने का आरोप सोशल मीडिया पर लग रहा है। अनादरा मडंल अध्यक्ष की उम्र युवा मोर्चा वाली केपिंग की होने की दलील विरोधी खेमा कर रहा है। इसी तरह सिरोही विधानसभा में जावाल और कालन्द्री मंडल अध्यक्ष की उम्र को लेकर भी शिकायतें की जा रही हैं।
-सबने बिछाई अपनी अपनी बिसात
संगठन के कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का आरोप है कि मंडल अध्यक्ष बनाने में पार्टी के प्रति समर्पण से ज्यादा नेता विशेष के प्रति समर्पण की योग्यता को तरजीह ज्यादा दी गई है। आरोप ये है कि भविष्य में पंचायतराज और नगर निकाय के चुनावों को सांधने के लिए जिले के भाजपा के प्रमुख नेताओं ने अपने अपने करीबियों को इन पदों पर बैठाने की जुगाड बैठाई है। संगठन नेताओं का ये मानना है कि उनके करीबियों के संगठन में मंडल अध्यक्ष के पदों पर तैनात रहने पर संबंधित क्षेत्र के पंचायत राज और निकाय चुनावों में उनके करीबियों को टिकिट मिलने में आसानी रहेगी।