पहले मनोनयन से ही फैली मंत्री देवासी और संगठन नेताओं के प्रति नाराजगी


सबगुरु न्यूज – सिरोही। राजस्थान सरकार ने सिरोही में एपीपी के पदों पर पहला मनोनयन कर दिया गया है। प्रदेश के कानून मंत्रालय के द्वारा किए जाने वाले इन मनोनयनों में राजनैतिक कार्यकर्ताओं का मनोनयन होने की मान्यता राजनीतिक पार्टियों में है।

ऐसे में विधि से जुड़े राजनीतीक कार्यकर्ता इसके लिए राजनेताओं की सिफारिश का महत्व मानते हैं। इस कारण इन मनोनयनो में वंचित रहे भाजपा के नेताओं में प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी और भाजपा संगठन को लेकर असंतोष व्याप्त हो गया।
-लगवाई थी डिजायर
विधि से जुड़े हुए भाजपा के कार्यकर्ताओं ने इस पद पर अपने मनोनयनो के लिए जिले भाजपा के जनप्रतिनिधियों की डिजायर करवाई थी। आबूरोड में तो भाजपा जिलाध्यक्ष के द्वारा भाजपा ग्रामीण मंडल आबूरोड के अध्यक्ष दिनेश खंडेलवाल की डिजायर के सार्वजनिक होने पर काफी हंगामा हुआ था।

इस पद के लिए आरएसएस से जुड़े पुराने पदाधिकारियों की भी अपने रिश्तेदारो के लिए अपेक्षाएं थी। लेकिन वो अपेक्षा परवान नहीं चढ़ पाई। इनमे नेताओं की डिजायर कितनी चलती है ये सरकार जाने लेकिन सुरेश कोठारी वाली डिजायर के सार्वजनिक होने के बाद कार्यकर्ताओं में ये संदेश है कि डिजायर इनमे संगठन की डिजायर कहीं न कहीं चलती है।
– मिलती हैं सुविधाएं
इस पद के अपने लाभ हैं और काडर भी। इसमें मानदेय मिलता है जो करीब 40 हाजर रुपए प्रतिमाह होता है। वहीं कार्यालय सुविधा भी मिलती है जहां पर ये न्यायालयों ने पेशी से पूर्व तैयारी कर पाते हैं। इसके लिए एक कार्यालय सहायक भी दिया जाता है जिसका मानदेय भी सरकार की तरफ से दिया जाता है।
– पिछले कार्यकाल में भी छाया था असंतोष
इस तरह के मनोनयन को लेकर जिले में पहली बार असंतोष।हुआ हो ऐसा नहीं है। ओटाराम देवासी के पिछले कार्यकाल में तो नोटरी पब्लिक के पद पर मनोनयन के लिए भी विवाद हुआ था। उस समय नोटरी पब्लिक के पद के लिए हुई नियुक्ति।में भाजपा के कई कार्यकर्ता रह गए थे।

उनका ये आरोप था कि उस समय कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोनयन हो गया था उनका नहीं। अभी बाल कल्याण समिति आदि के मनोनयन होने बाकी है। भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता इसके इंतजार में हैं कि इसमें उनके कामों का फल मिल जाए। इनमे भी बेहतर मानदेय मिलता है।