अजमेर। पश्चिमी जगत के देशों में वैज्ञानिकों ने विगत दो शताब्दियों में बहुत से अविष्कार किए हैं यह सत्य है, किन्तु दूसरा सत्य यह भी है की पश्चिम की दृष्टि सदैव विध्वंस आधारित रही है जबकि भारत ने सदियों से सृजन के लिए ही विज्ञान का उपयोग किया है।
इसका प्रमाण है कोरोना के समय भारत ने न केवल अपने नागरिकों की चिंता की वरन विश्व के कई देशों को वैक्सीन उपलब्ध करवाई। यह विचार विद्या भारती संस्थान अजमेर के सचिव संजय शर्मा ने मंगलवार को पुष्कर रोड स्थित आदर्श विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय विज्ञानं एवं गणित मेले के पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।
समारोह के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के प्राचार्य प्रोफेसर एसवी शर्मा ने बड़ी संख्या में अजमेर के कोने-कोने से आई विज्ञानं प्रतिभाओं को आशीर्वाद प्रदान किया। स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य और मेला संयोजक भूपेन्द्र उबाना ने आयोजन का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया की जिले के 19 विद्यालयों से चारों वर्गों में 428 विद्यार्थियों ने विज्ञान और गणित से सम्बंधित 7 विविध प्रतियोगिताओं में भाग लिया साथ ही आचार्यों की पत्रवाचन प्रतियोगिता में 8 आचार्यो ने भी भाग लिया।
विज्ञानं वर्ग में प्राथमिक चिकित्सा, पर्यावरण, यातायात, प्राकृतिक आपदा खाद्य संरक्षण, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी, सेंसर सहित नवाचार सम्बन्धी मोडल प्रस्तुत किए गए जबिक गणित विषय में सर्वसमिका, त्रिकोणमिति, क्षेत्रफल, आयतन सहित नवाचार सम्बन्धी मोडल कक्षा 3 से 12 तक के विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किए।
निर्णायकों के रूप में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अजमेर से सुनील कटियार और उमेश, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान से सत्येन्द्र वर्मा और नंदिनी, गणित विशेषज्ञ के रूप में अजय शर्मा, निखिल गुप्ता नवीन शर्मा, निखिल गुप्ता के साथ ही हरजिंदर सिंह खुराना, किरीट मेहता और राहुल सच्वानी ने अपनी सेवाए दीं। मंच संचालन विद्यालय की आचार्य विभावना शर्मा ने किया। विज्ञान मेले की रचना जयप्रकाश माथुर ने बनाई।