कोलकाता। पश्चिम बंगाल जूनियर डाॅक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूजेडीएफ) ने बुधवार से अपने विरोध प्रदर्शन के दूसरे चरण की शुरूआत कर दी। इस चरण में भी जूनियर डॉक्टर राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में पूर्णकामबंदी पर रहेंगे।
जूनियर -सीनियर चिकित्सकों और नर्सों सहित चिकित्सा बिरादरी ने मध्य कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला में रानी रश्मोनी रोड तक विरोध रैली में भाग ले रहे हैं।
एक चिकित्सक ने बताया कि शहर के मध्य भागों की सड़कों से मार्च समाप्त करने के बाद प्रदर्शनकारी एस्प्लेनेड में एकत्र होंगे, जहां वे एक बैठक में भाग लेंगे। डब्ल्यूजेडीएफ के काम बंद करने के दूसरे चरण में सरकार के समक्ष 10 सूत्री मांगें शामिल हैं, जो कथित तौर पर पिछली बैठक में किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है।
चिकित्सकों ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर जांच की धीमी प्रगति का भी आरोप लगाया। एक बयान में चिकित्सकों ने सुप्रीम कोर्ट पर भी चिंता व्यक्त की, उन्होंने कहा कि वे इस लंबी न्यायिक प्रक्रिया से निराश और नाराज हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ कई बैठकों के बाद जूनियर डॉक्टरों ने 42 दिनों के अंतराल के बाद 19 सितंबर को अपनी हड़ताल वापस ले ली थी।उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बैठकों में किए गए अपने वादों को पूरा नहीं किया है, जिसके कारण उन्हें काम बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग को अपनी कथित प्रशासनिक विफलता और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और स्वास्थ्य सचिव को तुरंत उनके पद से हटाना चाहिए। राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली तुरंत लागू की जानी चाहिए।
प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डिजिटल बेड रिक्ति मॉनिटर स्थापित किया जाना चाहिए। सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और बाथरूम की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों के निर्वाचित प्रतिनिधित्व के साथ प्रत्येक कॉलेज पर आधारित टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए।
इस बीच, मंगलवार रात को आरजी कर अस्पताल में एक मरीज के रिश्तेदारों द्वारा एक पीजीटी डॉक्टर को कथित तौर पर परेशान किया गया। यह अस्पताल अपनी खामियों के लिए सवालों के घेरे में है, जहां नौ अगस्त को 31 वर्षीय महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद उनकी बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस अस्पातल पर वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप है, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।