रायपुर। वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह छत्तीसगढ़ विधानसभा के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए है। डा.सिंह को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया था।
प्रोटेम स्पीकर राम विचार नेताम ने नवविर्वाचित सदस्यों के शपथ के बाद अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की। उन्होने अध्यक्ष के पद के लिए दाखिल नामांकन एवं उनके प्रस्तावक और समर्थक के नाम का उल्लेख किया और सदन की उस पर राय ली, इसके उपरान्त डा.सिंह को अध्यक्ष के पद पर निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं नेता प्रतिपक्ष डा.चरणदास महंत इसके बाद परम्परानुसार डा.सिंह को अध्यक्ष की कुर्सी पर ले जाकर बैठाया। प्रोटेम स्पीकर ने डा.सिंह का अध्यक्षीय कुर्सी पर स्वागत किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री साय ने डा.सिंह को निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई देते हुए विपक्ष को भी निर्विरोध चुनाव की परम्परा को बरकरार रखने के लिए बधाई दी। उन्होने कहा कि डा.सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे,सांसद,केन्द्रीय मंत्री और 15 वर्ष तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे। संसदीय परम्पराओं के वह ज्ञाता है। उनके इस पद पर बैठने से उच्च संसदीय परम्पराओं का लाभ पूरे सदन को मिलेगा।
नेता प्रतिपक्ष डा.महंत ने कहा कि 15 वर्ष तक डा.सिंह मुख्यमंत्री रहे, अब विधानसभा अध्यक्ष के रूप में आप संसदीय परम्परा के उच्च मापदंड स्थापित करें। महंत ने डा.सिंह के साथ अपने पुराने संसदीय इतिहास का भी उल्लेख किया और मजाकिया लहजे में कहा कि आप जिस पद पर विराजमान हुए है वह मेरा अतीत था और अब मैं जहां बैठा हूं वह मेरा वर्तमान है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि डा.सिंह की राजनीतिक यात्रा लम्बी रही है। लोकसभा सदस्य, केन्द्र में मंत्री फिर राज्य में 15 वर्ष मुख्यमंत्री रहे है। उन्होंने मजाकिया लहजे में डा.सिंह से कहा कि अब हमारी भूमिकाएं बदल गई है और इसी के साथ हिसाब किताब बराबर हो गया है। वरिष्ठ भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल, अजय चन्द्राकर ने भी इस मौके पर विचार व्यक्त किए।
डा.सिंह ने आखिरी में सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा उनकी मातृ संस्था रही है लेकिन वह जिस पद पर विराजमान हुए है, वह दलीय परम्परा से ऊपर उठकर पक्ष प्रतिपक्ष को साथ लेकर सदन की कार्यवाही को चलाने और छत्तीसगढ़ के उत्थान और लोक कल्याण के लिए पूरे समन्वय से काम करने की कोशिश करेंगे।
उन्होने कहा कि 90 सदस्यीय विधानसभा में 50 नए सदस्य चुनकर आए हैं। इस सदन में 19 महिला सदस्य चुनी गई है जोकि लगभग 20 प्रतिशत है। उऩ्होंने दोनों दलों के वरिष्ठ सदस्यों से अपने अपने नए सदस्यों को संसदीय परम्पराओं के बारे में मार्गदर्शन करने का भी अनुरोध किया।
नवनिर्वाचित विधायकों को दिलाई गई शपथ
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज छठवीं विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम द्वारा विधानसभा की सदस्यता की शपथ दिलवाई गई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सबसे पहले छत्तीसगढ़ी में शपथ ली, उसके बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता डा.चरणदास महंत ने भी छत्तीसगढ़ी में शपथ ली।
इसके बाद दोनो पक्षों के सदस्यों ने एक एक कर शपथ ली। अधिकांश सदस्यों ने छत्तीसगढ़ एवं हिन्दी में शपथ ली। शपथ लेने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री द्वय डा.रमन सिंह एवं भूपेश बघेल भी शामिल हैं।
एक मात्र महिला सदस्य विद्यावती सिदार ने संस्कृत में शपथ ली। कई सदस्यों ने अध्यक्षीय आसन पर विराजमान प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम के पास पहुंचकर उनका अभिवादन किया और आशीर्वाद भी लिया।