मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के पोते एवं पार्टी विधायक रोहित पवार से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को करीब दस घंटे तक पूछताछ की।
पिछले सप्ताह ईडी द्वारा जारी समन के जवाब में रोहित पवार सुबह 10:30 बजे राकांपा की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले और कई वकीलों के साथ दक्षिण मुंबई के बैलरेड पियर स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित हुए। उन्हें आज ईडी कार्यालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था।
रोहित पवार को 10 घंटे की पूछताछ के बाद आखिरकार जाने की इजाजत दे दी गई। रोहित पवार के ईडी कार्यालय से बाहर आने के बाद, हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार जयकारों और तालियों, नृत्य और वी-साइन के साथ उनका स्वागत किया।
उन्होंने सभा को संबोधित करने के लिए माइक्रोफोन लिया और कहा कि उन्होंने ईडी टीम के साथ पूरा सहयोग किया है, उनके सभी सवालों का जवाब दिया और उनकी शंकाओं को दूर किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि ईडी ने जांच के लिए उन्हें एक फरवरी को फिर से बुलाया है।
ईडी ने हाल ही में रोहित पवार के स्वामित्व वाली कंपनी बारामती एग्रो से जुड़े परिसरों की तलाशी भी ली। ईडी ने दावा किया है कि उसे कन्नड़ सहकारी साखर कारखाना (एसएसके) की बिक्री में कई अनियमितताएं मिली हैं। रोहित पवार की कंपनी, बारामती एग्रो में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच महाराष्ट्र स्थित सहकारी चीनी फैक्ट्री एसएसके को खरीदने के लिए बोली लगाने वाली कंपनी की ओर से नकदी के ‘डायवर्जन’ और कमाई के भुगतान को जमा करने के आरोपों से संबंधित है।
फैक्ट्री को बारामती एग्रो ने 50 करोड़ रुपए में अपने कब्जे में ले लिया जो कथित तौर पर कम कीमत पर है और ऐसा संदेह है कि यह महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के तहत ‘हेरफेर’ नीलामी का परिणाम है।
इस बीच मुंबई की पूर्व मेयर एवं शिव सेना (यूबीटी) नेता किशोरी पडनेकर को कोविड-19 महामारी के दौरान एक कथित घोटाले के सिलसिले में गुरुवार को ईडी कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है।