केन्द्र सरकार के इशारे पर नाच रही है ईडी व सीबीआई : अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की मोदी सरकार के इशारे पर प्रवर्तन निदेशालय के काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि देश में ईडी की साख बनी रहने पर ही वित्तीय अनियमितता एवं अपराध रुकेगा।

गहलोत ने शुक्रवार को यहां प्रेस वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि ईडी की साख देश में बनी रहे, हम भी चाहते हैं कि ईडी की साख बनी रहे। तभी वित्तीय अनियमितता एवं अपराध रुकेगा यह मेरा मानना है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भरोसे का नाम कांग्रेस हो गया हैं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य सरकार के काम एवं नीतियों के प्रचार प्रसार करने से सरकार का काम एवं नीतियां लोगों के जहन में बैठ गई। हालांकि डोटासरा के घर ईडी पहुंच गई और ईडी को भी सबक मिल गया।

उन्होंने छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि एक मुख्यमंत्री को यह कहना पड़े कि कुत्तों से भी ज्यादा घर घर ईडी घूम रही हैं। साल भर से मकान किराये पर लेकर उनका परिवार शिफ्ट हो गया रायपुर से, ऐसा सुना हैं, रोज तंग कर रहे है, क्या करेगा मुख्यमंत्री, इसलिए लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के इशारे से ईडी एवं सीबीआई नाच रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने ईडी एवं सीबीआई डायरेक्टरों से मिलने का समय मांगा था कि वह भी एक नागरिक के नाते उनसे मिलकर हालात के बारे में उन्हें बता सकूं लेकिन समय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि ये संस्थाएं राजनीतिक हथियार बन रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कि कोई नेता भाजपा में शामिल हो जाता तो वह दूध का धूला हो जाता है। यह क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी को समझ में नहीं आ रही है कि आपकी उल्टी गिनती शुरु हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं कि वादा करो तो उसे निभाओं, अगर नहीं निभाते हो तो मत करो। पिछले बार राहुल गांधी ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया और हमने उसे निभाया। भूमि विकास बैंक आदि के किसानों का कर्ज माफ हुए। लेकिन प्रधानमंत्री उद्योगों के एक हजार, दो हजार एवं पांच हजार करोड़ का कर्ज माफ करते है, उनसे बात करके पांच हजार करोड़ से तीन हजार करोड़ पर लाते हैं और तीन हजार करोड़ पर लाकर फिर वसूल करते है।

उन्होंने कहा कि हमने केन्द्र सरकार से कहा था कि किसानों से बात कर लो और बात करने से राशि कम जाएगी तथा जो राशि किसान के हिस्से की है वो हम भरेंगे लेकिन आज तक जवाब नहीं आया। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि किसानों के लिए संसद में कह दिया गया कि हमारी नीति नहीं किसानों का कर्जा माफ करने की और कर्ज माफ करने से किसान बिगड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि इनका विश्वास किसान पर नहीं है, ऐसे में इनका देश पर शासन करने का कोई हक नहीं है, शर्म आनी चाहिए कि कहा जा रहा है कि इससे किसान बिगड़ जाएंगे।