नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले से संबंधित धनशोधन एक मामले में शुक्रवार को केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छह दिनों की हिरासत में भेज दिया गया।
राऊज एवेन्यू स्थित कावेरी बावेजा की विशेष अदालत ने केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाली ईडी की 10 दिनों की हिरासत की मांग वाली याचिका पर संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 28 मार्च तक पूछपूछताछ के लिए हिरासत में भेजने का आदेश पारित किया।
केजरीवाल की ओर अदालत के समक्ष एक आवेदन दाखिल कर ईडी की हिरासत की मांग ठुकराने की गुहार लगाई गई। इससे पहले ईडी ने कड़ी सुरक्षा के बीच अधिवक्ताओं एवं अन्य लोगों से खचाखच भरी अदालत में केजरीवाल को पेश किया।
अदालत के समक्ष केजरीवाल का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, विक्रम चौधरी और रमेश गुप्ता पेश किया। वहीं, ईडी का पक्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने रखा।अदालत के समक्ष ईडी मुख्यमंत्री केजरीवाल की 10 दिनों की हिरासत की गुहार लगाते हुए उन्हें शराब नीति घोटाले का मुख्य ‘साजिशकर्ता और सरगना’ बताया।
विशेष अदालत में सुनवाई शुरू होने से पहले ईडी की चंगुल में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के समक्ष गुरुवार को दायर अपनी रिट याचिका शुक्रवार को सुनवाई से पहले ही वापस ले ली थी।
सुनवाई के दौरान ईडी ने इस मामले को ‘गंभीर अपराध’ और केजरीवाल को इसका ‘सरगना’ बताया। ईडी की ओर से एएसजी राजू ने कहा कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ (दक्षिण भारत मैं इस मामले से जुड़े लोग) से रिश्वत की मांग की थी। जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी से जुड़े विभिन्न लोगों को भारी नकद राशि सौंपी गई। इसका इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में किया गया।
ईडी की ओर से दलील देते हुए आरोप लगाया गया कि दिल्ली की उत्पाद शुल्क घोटाला नीति इस तरह से बनाई गई थी कि यह रिश्वत लेने और रिश्वत देने वाले लोगों से वसूली करने में सक्षम होगी।
ईडी की ओर से एएसजी राजू ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता हैं। वह सीधे तौर पर नीति निर्माण में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दूसरा आरोपी विजय नायर केजरीवाल के आवास के पास ही एक मकन में रह रहा था, जो दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को आवंटित किया गया था। राजू ने कहा कि नायर ने साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।
उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल ने कथित तौर पर एहसान के बदले साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने कहा कि रिश्वत के बदले साउथ ग्रुप को दिल्ली में शराब कारोबार का नियंत्रण मिल गया था। राजू ने कहा कि अपराध की आय न केवल 100 करोड़ रुपए है, बल्कि रिश्वत देने वालों द्वारा कमाया गया मुनाफा 600 करोड़ रुपए से भी अधिक है।
एएसजी ने कहा कि गोवा चुनाव के लिए हवाला के जरिए 45 करोड़ रुपए स्थानांतरित किए गए थे। न केवल बयान से बल्कि सीडीआर से भी इसकी पुष्टि होती है। गोवा में पैसा रह संभव उपाय से आया था। गोवा में आप उम्मीदवारों में से एक ने भी आरोपों की पुष्टि की है।
दूसरी तरफ ईडी की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि ईडी यह साबित नहीं कर पाई है कि केजरीवाल को गिरफ्तार करना क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ इस मामले में कोई सीधा सबूत नहीं है। उन्होंने दलील दी कि हिरासत स्वतः नहीं मिलती है, बल्कि इसके लिए ईडी को गिरफ्तार करने की आवश्यकता निश्चित रूप से दर्शानी होगी।
उन्होंने कहा कि आवश्यकता शर्त उसमें है नहीं, लेकिन सैकड़ों मामलों में यह जुड़ा हुआ है, क्योंकि गिरफ्तार करने की शक्ति, गिरफ्तार करने की आवश्यकता के बराबर नहीं है। निश्चित रूप से मेरे पास शक्ति है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वहां गिरफ्तारी कोई जरूरत है। मुझे गिरफ्तार करने की क्या जरूरत है। पैसा कहां गया, इसकी और जांच करने की जरूरत गिरफ्तारी की आधार नहीं हो सकती है।
उन्होंने फिर पूछा कि अगर ईडी के पास सबूत है तो ईडी को हिरासत की जरुरत क्यों है? उनकी गिरफ्तारी की कोई जरुरत नहीं है। ईडी को उनकी गिरफ्तारी की जरुरत दिखानी होगी कि आपको हिरासत में लेकर पूछताछ की जरुरत क्यों पड़ी।
सिंघवी ने आरोप लगाया कि आप के शीर्ष नेताओं को आम चुनाव 2024 से पहले गिरफ्तार किया गया है। क्यों? कोई गलत काम दिखाने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। यह पूरी तरह से ईडी की प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी कहा कि ईडी के पास कोई सीधा सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि ईडी के पास ऐसी कोई सामग्री नहीं है, जिसके आधार पर केजरीवाल को किसी अपराध का दोषी माना जा सके। उन्हें ईडी द्वारा अवैध रूप से और मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया है।
केजरीवाल को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में पिछले एक साल के दौरान आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह के अलावा भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता समेत कई आरोपियों को ईडी गिरफ्तार किया था। के. कविता को ईडी ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार 22 मार्च 2024 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा