जयपुर। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कांग्रेस की संविधान बचाओं रैली में दिए कांग्रेस नेताओं के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा है कि आज खतरे में संविधान नहीं, गांधी परिवार का अस्तित्व खतरे में हैं।
दिलावर ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कह रहे है कि गांधी परिवार 30 वर्षों से किसी पद पर नहीं है, उन्हें यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि देश की जनता ने आपको स्वीकार नहीं किया, जनता ने नकार दिया है। देश की जनता के दिलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र नरेन्द्र मोदी राज करते है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा निकाली जा रही यात्रा संविधान के लिए गांधी परिवार के अस्तित्व को बचाने के लिए है। आज खतरे में संविधान नहीं, गांधी परिवार का अस्तित्व खतरे में है। ऐसे में कांग्रेसी देश को गुमराह करके गांधी परिवार के अस्तित्व को बचाने के लिए यात्रा निकालने का ढोंग रच रहे है। दिलावर ने कहा कि यह कितनी बडी विडम्बना है कि खड़गे के खिलाफ टिप्पणी करने पर उन पर हत्या और आपराधिक धमकी के आरोप में मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश में 93 बार चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त करके लोकतंत्र की हत्या करने का अपराध किया है। आपातकाल लगाकर संविधान को दरकिनार करके इंदिरा गांधी जो कहेगी वो ही संविधान है जैसा माहौल बना दिया। कितने आश्चर्य की बात है कि संविधान के टुकड़े-टुकड़े एवं संविधान को रक्तरंजित करने वाले लोग संविधान यात्रा निकाल रहे है। यह तो वैसा ही है जैसे बिल्ली सौ चूहे खाकर हज को जा रही हो।
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि जो देश के संविधान तक को नहीं मानते, वो संविधान के लिए बोलने के लिए अधिकृत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान की हत्या करने वाले कांग्रेसियों को आज गांधी परिवार खतरे में नजर आ रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी जमानत पर चल रहे है और उनको बचाने के लिए कांग्रेसी देश की जनता को गुमराह कर रहे है। कांग्रेसियों के मन-मस्तिष्क में नकारात्मक बातें भरी हुई है, ऐसे में वो सकारात्मक नहीं बोल सकते। कांग्रेस पार्टी एक परिवार की गुलामी से उभर ही नहीं पा रही।
पटेल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था शीर्ष पांच में चल रही है जबकि यूपीए के कार्यकाल में देश कमजोर पांच देशों में शामिल था। यूपीए काल में 2जी घोटाले हो रहे थे, एनडीए सरकार के कार्यकाल में 5जी रोलआउट हुआ है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में देश की पॉलिसियां पैरालिसिस हो गई थी जबकि एनडीए सरकार में निवेश, रोजगार, विकास और उद्यमिता पर फोकस किया जा रहा है।