नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मतगणना से पहले 150 जिला अधिकारियों को फोन करने संबंधी दावे को गंभीरता से लेते हुए उन्हें नोटिस भेजा है और रविवार शाम तक इस मामले में आरोपों का आधार बताते हुए स्पष्टीकरण देने को कहा है।
आयोग ने नोटिस में रमेश के शनिवार को सोशल मीडिया एक्स के पोस्ट का हवाला देते हुए उनसे जवाब मांगा है। इस पोस्ट में रमेश ने दावा किया कि निवर्तमान गृह मंत्री ने डीएम को फोन किया है। अब तक 150 से बात भी कर ली है।
आयोग ने रमेश को कड़क नोटिस भेजकर कहा कि आप अपनी बातों का प्रमाण के साथ हमें ज़वाब भेजें, क्योंकि चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव के लिए देश का सारा प्रशासन आयोग के अधीन आ जाता है और जिलाधिकारी तथा जिले के अन्य सभी बड़े अधिकारी रिटर्निंग ऑफिसर के तौर पर आयोग के निर्देशन में काम करते हैं। आयोग को आपको यह बताना होगा कि आपकी इस जानकारी और इस सार्वजनिक पोस्ट का आधार क्या है।
रमेश ने शनिवार को कहा कि निवर्तमान गृह मंत्री आज सुबह से ज़िला कलेक्टर्स से फ़ोन पर बात कर रहे हैं। अब तक 150 अफ़सरों से बात हो चुकी है। अफ़सरों को इस तरह से खुल्लमखुल्ला धमकाने की कोशिश निहायत ही शर्मनाक है एवं अस्वीकार्य है।
याद रखिए कि लोकतंत्र जनादेश से चलता है, धमकियों से नहीं। चार जून को जनादेश के अनुसार नरेन्द्र मोदी, अमित शाह व भाजपा सत्ता से बाहर होंगे एवं इंडिया समूह विजयी होगा। अफ़सरों को किसी प्रकार के दबाव में नहीं आना चाहिए व संविधान की रक्षा करनी चाहिए। वे निगरानी में हैं।
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