नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने चुनावी बांड का विवरण सार्वजनिक करने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन के अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से मिले ब्यौरे को गुरुवार शाम अपनी वेबसाइट पर जारी किया।
आयोग की वेबसाइट पर डाला गया ब्यौरा 542 पृष्ठ का है, जिसमें विभिन्न दलों द्वारा भुनाए गए बांडों की 20421 प्रवृष्टियां हैं। इसी के साथ बैंक ने 386 पृष्ठ की एक और सूची जारी की है जिसमें बांड खरीदने वाली कंपनियों के नाम और उनके द्वारा खरीदे गए बांड के नंबर तिथि और राशि पर भुगतान की स्थिति का ब्यौरा है।
इस विवरण में चुनावी बांड के अक्षर और अंक वाले नम्बर और भुनाने वाले दलों के बैंक खातों के अंतिम चार अंक भी दिए गए हैं।बांड भुनाने वाले प्रमुख दलों में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, बीजू जनता दल, द्रविड मुनेत्र कषगम, अन्नाद्रमुक , जनता दल (सेकुलर), राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, गोवा फारवर्ड पार्टी, महाराष्ट्र गाेमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) ,जन सेना पार्टी, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट हैं।
बांड खरीदने वाली कंपनियों और व्यक्तियों के नाम भी हैं। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज, प्रकाश डिस्टलरी, टीपीके पार्टनर, कैसर लिकर, रानीसाती मर्केन्टाइल, भारत बायोटेक इंटरनेशनल, अमर सिक्योरिटीज, प्लूटो फाइनेंस, हल्दिया एनर्जी, आशीष फाइनेंस, नीरव मरोटी कुसुम मरोटी प्रीति मरोटी, कल्पतरू इन्वेंटमेंट, उत्कल एल्यूमिनियम, वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी, डॉ रेड्डी लैब, सफल गोयल रियल्टी, जिंदल स्टील एंड पावर, भारती एयरटेल, अभिनाश मोदी, नामिक पुरी आदि शामिल हैं।
इससे पहले एसबीआई ने न्यायालय आदेश का अनुपालन करते हुए चुनावी बांडों को खरीदने और भुनाने वाले दलों के पूरे विवरण दो मुहर बंद लिफाफों में डिजिटल फाॅर्म निर्वाचन आयोग को बुधवार को ही सौंप दिये थे। इसकी जानकारी बैंक ने आज हलफनामा दायर कर न्यायालय को दिया था।
एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा की ओर से न्यायालय में गुरुवार को दाखिल एक शपथपत्र में इस बात की जानकारी दी कि बैंक ने आयोग को बाँडों का विवरण सौंप दिया है। शपथपत्र के अनुसार एसबीआई अध्यक्ष ने हलफनामे में न्यायालय को बताया है कि उसने चुनावी बांड से संपूर्ण विवरण चुनाव आयोग को दे दिए हैं।
इस विवरण में बांड खरीदने वाले के नाम, निर्गम करने वाली शाखा का कोड, मियाद पूरी होने की तिथि बांड नंबर, नंबर से पहले का अक्षर, उसकी रकम और स्थिति के साथ ही बांडों को भुनाने वाले राजनीतिक दलों के नाम, उनके खातों के अंतिम चार अंक, बांड का नंबर और उससे पहले लगने वाले अक्षर, बांड का मूल्य, भुगतान करने वाली शाखा का पूरा विवरण दिया गया है। बांड नंबर अल्फा न्यूमरिक (अक्षर और अंकों का मिश्रण) हैं।
एसबीआई के एक उप प्रबंध निदेशक ने बुधवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र भेज सुप्रीमकोर्ट के 15 फरवरी 2024 और 18 मार्च 2024 के आदेशों के अनुसार कर चुनावी बांडों का ब्योरा दो बंद लिफाफों (लिफाफा 1 और लिफाफा 2) में प्रस्तुत किए जाने की जानकारी दी गई है, ताकि आयोग इन्हें अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर सके। पहले लिफाफे में बांड की सूचनाओं वाली पेन ड्राइव है, तथा दूसरे फाइल में पेन ड्राइव के पीडीएफ फाइल के पासवर्ड सौंपे गए हैं। बैंक ने कहा है कि जब भी जरूरत होगी, वह आयोग को यह हार्ड कॉपी के रूप में भी देगा।
उल्लेखनीय है कि चुनावी चंदे में नकदी के चलन को रोकने के लिए संसद में पारित कानून को तहत चुनावी बांड की व्यवस्था शुरू की गई थी। एसबीआई को इन बांडों बेचने और भुनाने का दायित्व दिया गया था। बैंक इन बांडों को कुछ चुनिंदा शाखाओं के माध्यम से बेचता और उनका भुगतान करता आ रहा था। उच्चतम न्यायालय ने बांड को संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा के प्रावधान 19 (1) ए के प्रावधान और सूचना के अधिकार के कानून के खिलाफ करार दिया है।