सबगुरु न्यूज-आबूरोड (परीक्षित मिश्रा)। आचार संहिता लग गई है। इसके बावजूद नेता प्रशासन पर हावी होकर जनता के हितों को दरकिनार करते हुए प्रशासन के नजारों को ओझल कर रहे हैं।
आबूरोड में नगर पालिका अध्यक्ष की ऐसी ही मनमानी नजर आई। यहां पर रेलवे स्टेशन के बाहर लगाए गए सीसीटीवी कैमरो के नजारों को आधा ओझल करके नगर पालिका अध्यक्ष मगनदान चारण ने जगसीराम कोली के प्रचार को होर्डिंग लगा दिया है।
बन जाएगा ब्लाइंड स्पॉट
नगर पालिका आबूरोड के द्वारा ही स्टेशन के मुख्यद्वार के सामने से जाने वाली सडक़ के तिराहे पर सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। इनमें दो कैमरों का डायरेक्शन अम्बाजी की तरफ वाले रोड पर है। ये कैमरे वाइड एंगल होते हैं।
इस होर्डिंग को इस तरह से लगाया गया है कि ये इन कैमरों के लिए ब्लाइंड स्पॉट बनाएंगें। ये होर्डिंग इन दो कैमरों के इतने करीब लगाया गया है कि इनसे ब्लाइंट स्पॉट बनना निश्चित है। इस ब्लाइंड स्पॉट में होने वाली कोई भी घटना इनमें कैद नहीं होने वाली।
नगर पालिका का चार्ज अकर्मण्यता के आरोपित के पास
माउण्ट आबू नगर पालिका का चार्ज जिले में अकर्मण्यता के आरोपों में घिरे माउण्ट आबू के आयुक्त रामकिशोर के पास है। ये माउण्ट आबू नगर पालिका में अपने कार्यालय की बजाय दिनभर ऑफिस में बैठने और आम जनता तो क्या आला अधिकारियों तक को फोन नहीं उठाने के लिए कुख्यात हैं।
चुनाव के दौरान होर्डिंगों के स्थान का चिन्हिकरण शहरी क्षेत्रों में नगर पालिकाओं को ही करना होता है। ऐसे में रामकिशोर जैसे अधिकारियों का ये करना मुश्किल है। इन्हें चार्ज जिला कलेक्टर के माध्यम से ही दिया जाता है जो खुद जिला निर्वाचन अधिकारी हैं। रिटर्निंग अधिकारियों के माध्यम से चुनावों में नेताओं की मनमानी रोकने की जिम्मेदारी इन्हीं पर है।
इस तरह के अधिकारी को चुनाव में तैनात करने की बजाय वो आबूरोड में तैनात दो में से किसी एक तहसीलदार को भी इसका अतिरिक्त प्रभार दे सकते हैं। जिससे चुनाव के कामों में आबूरोड नगर पालिका अध्यक्ष की तरह कोई नेता मनमानी नहीं कर सके।