धौलपुर। राजस्थान में धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में करीब ढाई साल पुराने बहुचर्चित एईएन-जेईएन मारपीट मामले में जमानत पर चल रहे पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने बुधवार शाम धौलपुर के एससी-एसटी न्यायालय में समर्पण कर दिया जहां उसे दो दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है।
न्यायालय में समर्पण बाद मलिंगा को पुलिस आधा किलोमीटर तक पैदल ही लेकर कोतवाली थाने पहुंची। इसके बाद मलिंगा को पुलिस की गाड़ी में बैठाकर धौलपुर जेल ले जाया गया।
गौरतलब है कि धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में 28 मार्च 2022 को सहायक अभियंता हर्षदापति और कनिष्ठ अभियंता नितिन गुलाटी के साथ मारपीट की घटना के प्रकरण में हर्षदापति ने तत्कालीन कांग्रेस विधायक मलिंगा और अन्य के खिलाफ 29 मार्च को नामजद मारपीट, राजकार्य में बाधा और एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कराया था जिसमें पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
उच्चतम न्यायालय के जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और अरविंद कुमार की बेंच ने आठ नवंबर को मलिंगा की जमानत पर उच्च न्यायालय के आदेश पर लगी रोक हटा मलिंगा को 14 दिन में सरेंडर करने के आदेश दिए थे। मलिंगा के समर्पण करने के चार सप्ताह बाद मामले में सुनवाई होगी।
बहुचर्चित एईएन-जेईएन के साथ मारपीट की घटना के बाद तत्कालीन धौलपुर एसपी शिवराज मीणा का भी तबादला कर दिया गया था। इससे पूर्व मलिंगा ने 11 मई को जयपुर के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के सामने समर्पण किया था। इसके बाद न्यायालय ने उन्हें 17 मई को जमानत दी थी।
मलिंगा ने पिछला चुनाव बाड़ी सीट से भारतीय जनता पार्टी भाजपा के टिकट पर लड़ा था लेकिन वे बहुजन समाजवादी पार्टी बसपा के जसवंत सिंह गुर्जर से चुनाव हार गए। इससे पहले मलिंगा लगातार 15 साल तक इस सीट से विधायक रहे थे। यहां यह भी गौरतलब है कि सहायक अभियंता हर्षदापति कांग्रेस नेता कैप्टन मुकेश वाल्मीकि का बेटा है।