बेंगलूरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में अंग्रेजी में लिखे साइनबोर्ड और नेमप्लेटों से तोड़फोड़ करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
सिद्दारमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह किसी भी विरोध प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में आज बृहद बेंगलुरु महानगरपालिका और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
इस बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन सरकार किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं देगी। उन्होंने कहा कि मैं परेशान हूं कि कन्नड़ समर्थक आंदोलनकारियों ने बोर्डों और प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की।
फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफकेसीसीआई) ने कहा कि वह वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए नेमप्लेट पर 60 प्रतिशत कन्नड़ अक्षरों को अंकित करने के बीबीएमपी के आदेशों का पालन करेगा, लेकिन सरकार से 28 फरवरी 2024 की समय सीमा तक नियम के अंतर्गत कोई कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया।
एफकेसीसीआई के अध्यक्ष रमेश चंद्र लाहोटी ने कहा कि हम सरकार से यह सुनिश्चित करने की भी अपील करते हैं कि किसी भी व्यापार और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान को परेशान नहीं किया जाए।
बेंगलुरु पुलिस ने कल कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था जिन्होंने अंग्रेजी अक्षरों वाले नेमप्लेटों को तोड़ दिया था और सरकारी तथा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। कर्नाटक रक्षणा वेदिके ने बेंगलुरु में मॉल ऑफ एशिया के बाहर भी हिंसा की और उन पर काली स्याही फेंकी।